मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती घोटाला की खबरें कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. काफी हो हल्ला के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है. इस भर्ती परीक्षा में एक सेंटर के रिजल्ट पर संदेह जताया जा रहा है. वहीं इस परीक्षा में एक टॉपर का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की बता रही है कि उसके परिवार ने पटवारी भर्ती के लिए 15 लाख रुपये दिए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या है यह पद, क्या है इस पद की ताकत, कौन कर सकता है इसके लिए अप्लाई?
कौन होता है पटवारी
पटवारी सरकार द्वारा ऐसा प्रशासनिक पद है जो जमीन से जुड़े हुए सारे विवादों को निपटाने का काम करता है. पटवारी राजस्व विभाग में ग्राम लेवल का एक ऑफिसर होता है. उत्तर प्रदेश में इसे लेखपाल के नाम से जाना जाता है.
कौन कर सकता है अप्लाई
पटवारी बनने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता संस्थान या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं पास होना चाहिए. कुछ राज्यों में इस पद के लिए बैचलर डिग्री होनी जरूरी है. एक साल का कंप्यूटर में डिप्लोमा होना चाहिए. इस पद के लिए 18 साल से 40 साल वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.
कैसे होता है चयन
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से किया जाता है. परीक्षा में उत्तीर्ण रहे उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. इंटरव्यू के बाद उम्मीदवारों को डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन राउंड से गुजरना होता है. एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा में कुल 100 में से सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत अंक जबकि आरक्षित वर्ग को 40 प्रतिशत अंकों की जरूरत होती है.
कितनी होती है सैलरी
एमपी पटवारी सैलरी 7 वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार दिया जाता है. मूल वेतन 2,100 ग्रेड पे के साथ 5,200 रुपये से 20,200 रुपये तक होता है. राज्यों के हिसाब से पटवारी के वेतन में फर्क हो सकता है.
कौन सी परीक्षा
मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (एमपीपीईबी) मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पटवारियों का चयन करने के लिए एमपी पटवारी परीक्षा का आयोजन करता है.