
हेल्थ केयर कंपनी एन डब्ल्यू ओवरसीज के एक फील्ड ऑफिसर अरुण राजू बामणे का इंदौर रेलवे स्टेशन पर खड़ी अहिल्या नगरी एक्सप्रेस की बर्थ से बैग चोरी हो गया. इस बैग में तीस लाख रुपए मूल्य का लीवर जांच करने का आधुनिक मेडिकल उपकरण फाइब्रोसिस रखा हुआ था. बीती सात अगस्त सोमवार को अल सुबह तीन बजे से 4 बजे के बीच हुई इस चोरी के मामले की जांच शासकीय रेलवे पुलिस 'जीआरपी' ने एफआईआर दर्ज कर शुरू कर दी है. रेलवे पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि प्लेटफार्म नंबर चार पर एक संदिग्ध महिला बैग ले जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है. पुलिस मामले में कड़ी दर कड़ी जोड़ती महिला के सम्पर्क में आए एक ऑटो चालक सहित अन्य लोगों से गहन पूछताछ में जुटी हुई है.
उधर, इस वारदात के शिकार हुए अरुण बामणे रेलवे पुलिस की कार्यशैली से आहत हुए है. उन्होंने बताया कि मामले में पहले तो जीआरपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में काफी वक्त गंवाया. इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मामला संज्ञान में लाने के बाद भी दर्ज की गई प्राथमिकी पुलिस ने न तो मशीन का पूरा विवरण लिखा और न ही बेहद उपकरण की कीमत का जिक्र किया है. अरुण रेलवे द्वारा दिए जाने वाले यात्री बीमा को क्लेम इंटीमेशन देने के लिए भी जूझते रहे.
इस वारदात ने रेलवे यात्रियों के सामान सुरक्षा और वारदात होने के बाद पेशेवर सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल मूलत: महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले राहुल बामणे चोरी गए उपकरण फाइब्रोसिस को लेकर इंदौर के एक डॉक्टर के यहां मरीजों की लिवर की जांच करने पहुंचे थे. आपको बता दे कि बेहद महंगे इस उपकरण के माध्यम से लीवर की समस्या से जूझ रहे मरीजों की दर्द रहित जांच की जाती है. राहुल की कंपनी इस उपकरण की चलित सेवाएं विभिन्न शहरों में स्थित डॉक्टरों तक पहुंचाती है. वारदात दिनांक को राहुल इंदौर के एक डॉक्टर के यहां मरीजों की जांच करने के लिए पहुंचे थे. राहुल ने आरोपी महिला को पकड़वाने में मददगार को उचित पुरुष्कार देने की बात भी कही है.