8 जुलाई को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा ट्विटर पर एक ट्वीट किया गया था. जिसमें उनके द्वारा आर एस एस के गोलवलकर के खिलाफ एक कार्टून पोस्ट कर कटाक्ष किया गया था. इसी मामले में इंदौर सहित प्रदेश के चार अलग-अलग शहरों में उनके खिलाफ़ एफ आई आर दर्ज हो गई थी. जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने हाई कोर्ट इंदौर की खंडपीठ में याचिका दायर की जिसकी सुनवाई पूरी हो गई है और हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक रहे माधव सदाशिव राव गोलवलकर के खिलाफ एक ट्वीट मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया था, जिसमें उनके द्वारा एक किताब का पेज भी पोस्ट किया गया था और यह भी बताया गया था कि गोलवलकर दलित और मुस्लिम विरोधी है. इसी ट्वीट को लेकर एडवोकेट राजेश जोशी द्वारा इंदौर में उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई थी.
उस पोस्ट के संबंध में राजगढ़ ,देवास गुना और उज्जैन मैं भी इसी पोस्ट के संबंध में FIR दर्ज़ हुई है, जिसे लेकर दिग्विजय सिंह द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. जिसे लेकर हाई कोर्ट में दिग्विजय सिंह के अधिवक्ता रविंद्र छाबड़ा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का सीधा कहना है कि किसी भी एक अपराध के मामले में अगर एक जगह फायर हो जाए तो दूसरी जगह FIR नहीं की जा सकती. जब दिग्विजय सिंह की पोस्ट को लेकर इंदौर के तो गई पुलिस थाने में अपराध दर्ज हो गया तो फिर उसके बाद क्यों लगातार प्रदेश के चार अन्य जिले देवास राजगढ़ गुना और उज्जैन में एफ आई आर दर्ज की गई इसी को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई पूरी हो गई है.