Parakram Diwas: आज नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti) है. इस मौके पर सुभाष चंद्र बोस के साहसपूर्ण जीवन के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें पीएम मोदी (PM) ने कहा है कि "पराक्रम दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं. आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हम उनके जीवन और साहस के प्रति अपना सम्मान अर्पित करते हैं. हमारे देश की आजादी के प्रति उनका अटूट समर्पण सदैव प्रेरणादायी बना रहेगा."
Greetings to the people of India on Parakram Diwas. Today on his Jayanti, we honour the life and courage of Netaji Subhas Chandra Bose. His unwavering dedication to our nation's freedom continues to inspire. pic.twitter.com/OZP6cJBgeC
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2024 की हुई घोषणा
सरकार ने आपदा के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार (Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar) के नाम से एक वार्षिक पुरस्कार स्थापित किया है.
इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है. संस्था के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र तथा किसी व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र पुरस्कार के रूप में दिया जाता है. बता दें कि देश ने आपदा प्रबंधन कार्य प्रणालियों, तैयारियों, शमन और प्रतिक्रिया तंत्र में उल्लेखनीय सुधार किया है जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हताहतों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है.
ऐसे हुआ चयन
वर्ष 2024 के इस पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2023 से ऑनलाइन नामांकन मांगे गए थे. पुरस्कार योजना के जवाब में, संस्थानों और व्यक्तियों से 245 वैध नामांकन प्राप्त हुए.
भारतीय सशस्त्र बलों की एकमात्र हवाई चिकित्सा यूनिट
60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश की स्थापना 1942 में हुई थी. यह भारतीय सशस्त्र बलों का एकमात्र हवाई चिकित्सा प्रतिष्ठान है. इसकी विभिन्न वैश्विक संकटों में अपनी असाधारण सेवा के लिए पहचान है. प्राथमिक मिशन में शांति और युद्ध दोनों के समय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन शामिल है.
ये हैं उल्लेखनीय कार्य
इस यूनिट ने उत्तराखंड बाढ़ (2013), ऑपरेशन 'मैत्री' (2015) के तहत नेपाल भूकंप और इंडोनेशियाई सुनामी के दौरान ऑपरेशन समुद्र मैत्री (2018) के अंतर्गत चिकित्सा सहायता प्रदान की थी.
इस यूनिट ने बचाव, आपदा के समय घायलों के इलाज की वरीयता का निर्धारण (ट्राइएज), सर्जरी, दंत उपचार, एक्स रे और प्रयोगशाला सुविधाओं सहित चिकित्सा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की और 'ऑपरेशन दोस्त' के अंतर्गत 12 दिनों की अवधि के दौरान 3600 रोगियों की देखभाल की पेशकश की.
यह भी पढ़ें : राम मंदिर में दिखता है एक भारत श्रेष्ठ भारत, IIT-इसरो-IIA-CSIR जैसे संस्थानों का भी है योगदान, जानिए सब कुछ यहां