संसद के विशेष सत्र का आज 20 सितंबर को तीसरा दिन है. आज महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चर्चा हो रही है. सरकार की तरफ से केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बिल पर चर्चा की शुरुआत की. वहीं, कांग्रेस की तरफ से पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिल का समर्थन किया.
लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष की ओर से पहली वक्ता के रूप में, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी कानून का समर्थन करती है, लेकिन उन्होंने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा के भीतर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की मांग की.
सोनिया गांधी ने कहा यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे... बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं. राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है.
उन्होंने आगे कहा मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा? कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में यहां खड़ी हूं. भारतीय महिलाओं की जर्नी बहुत लंबी रही है. लेकिन आखिरकार वह अपनी मंजिल तक पहुंच ही गई."
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