
मानसून 2025 देरी से विदा होने की संभावना है. इसका असर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दिख भी रहा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार लौटता हुआ मानसून दोनों राज्यों में कई जगहों पर भारी बारिश कर सकता है. मध्य प्रदेश में सितंबर के अंत तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है, जबकि छत्तीसगढ़ में भी लोगों को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है.
मध्य प्रदेश में यहां हो सकती है बारिश
मध्य प्रदेश मौसम विभाग ने बड़वानी और धार के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा, विदिशा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्ना जिलों में हल्की बारिश की संभावना है. वहीं, भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, रतलाम, उज्जैन और देवास में भी बारिश का अनुमान है.
छत्तीसगढ़ में इन जगहों पर बारिश का अनुमान
छत्तीसगढ़ में एक निम्न दाब का क्षेत्र गंगेटिक पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र और उससे लगे उत्तर ओडिशा तथा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है, जिसके अगले 24 घंटों में कमजोर होने की संभावना है.
एक द्रोणिका गंगेटिक पश्चिम बंगाल और उससे लगे उत्तर ओडिशा तथा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित निम्न दाब के क्षेत्र से तेलंगाना तक 1.5 किलोमीटर से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है। एक और द्रोणिका गंगेटिक पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र और उससे लगे उत्तर ओडिशा तथा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से दक्षिण महाराष्ट्र तट तक, ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़, तेलंगाना, और उत्तर अंदरूनी कर्नाटक से होते हुए 4.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है. 24 सितंबर को छत्तीसगढ़ के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.
प्रदेश में एक-दो जगहों पर भारी बारिश और वज्रपात भी हो सकता है. भारी बारिश का क्षेत्र मुख्यतः मध्य छत्तीसगढ़ में रहने की संभावना है. इसके अलावा, 25 सितंबर को उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है. यह पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है और और अधिक प्रबल होकर अवदाब के रूप में उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण ओडिशा तट और उत्तर आंध्र प्रदेश तट की ओर परिवर्तित होने की संभावना है. इसके 27 सितंबर को दक्षिण ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश तट के पास पहुंचने की उम्मीद है, जिसके कारण बस्तर संभाग और उससे लगे जिलों में 26 सितंबर से भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.