
New Rail Project Inauguration: भारतीय रेलवे (Indian Railways) के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. 10 जून 2025 को हरतकी से सायरंग तक अंतिम रेल खंड के चालू होने के साथ ही बइरबी–सायरंग नई रेल परियोजना पूरी हो गई है. इसके साथ ही, मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ गई है. जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण करने वाले हैं.

मिजोरम से जोड़ने वाली रेल लाइन तैयार
साल 2014 में शुरू हुई थी परियोजना
यह महत्वाकांक्षी परियोजना 29 नवम्बर 2014 को पीएम मोदी द्वारा रखी गई आधारशिला से शुरू हुई थी. वर्ष 2016 में बइरबी तक मालगाड़ी पहुंचने के बाद अब 51.38 किलोमीटर लंबी पूरी लाइन को चालू कर दिया गया है. इस परियोजना की कुल लागत लगभग 8071 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह रेल मार्ग कोलासिब और आइज़ोल जिलों से होकर गुजरता है और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता के अनुरूप तैयार किया गया है. इसमें चार प्रमुख स्टेशन, हरतकी, कॉनपुई, मुअलखांग और सायरंग बनाए गए हैं.

कई सुरंगों से होकर गुजरती है ये लाइन
बइरबी–सायरंग नई रेल परियोजना - एक नजर में
- इस मार्ग में 153 पुल (जिनमें 55 बड़े पुल और 10 आरओबी/आरयूबी शामिल) और 45 सुरंगें बनाई गई हैं.
- यहां ट्रेन कुल 11.78 किलोमीटर लंबाई पुलों से और 15.885 किलोमीटर लंबाई सुरंगों से होकर गुजरती है.
- सबसे लंबी सुरंग 1.868 किलोमीटर की है और सभी सुरंगों में आधुनिक बलास्ट रहित पटरियाँ बिछाई गई हैं.
- सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बनाने हेतु सुरंगों की दीवारों पर मिज़ोरम की लोक संस्कृति, पहनावे, त्यौहारों और जैव विविधता को दर्शाते भित्तिचित्र बनाए गए हैं.
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चुनौतियों पर विजय
यह परियोजना कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद पूरी की गई. अप्रैल से अक्टूबर तक चलने वाले भारी मानसून, बार-बार होने वाले भूस्खलन और निर्माण सामग्री की दूर-दराज़ से आपूर्ति जैसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया गया. कठिन पहाड़ी इलाकों और कमजोर चट्टानों के बीच 65 मीटर तक गहरी कटाई करके सुरक्षित ट्रैक बिछाया गया.
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