Madhya Pradesh News : बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) 26 साल पुराने केस में फंस गए हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर की एक विशेष अदालत ने हथियारों की खरीद-फरोख्त के मामले में स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसके बाद अब लालू की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.
ये है पूरा मामला
दरअसल उत्तर प्रदेश के एक सख्श का आरोप है कि उसने ग्वालियर की हथियारों की तीन कंपनियों से फर्जीवाड़ा कर हथियार खरीदे और बिहार में बेच दिए थे. जिन लोगों को हथियार बेचे थे उनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का नाम भी शामिल है. 1995-97 में शस्त्र और गोला-बारूद की कथित अवैध खरीद से संबंधित मामले में केस चल रहा है. अब MP-MLA की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि 1995-97 का यह मामला फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर यहां एक अधिकृत डीलर से हथियार खरीदे जाने से संबंधित है. इंदरगंज थाने में दर्ज इस मामले में 23 आरोपी थे और सभी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है. इनमें से यादव को भगोड़ा घोषित किया गया है.
इस मामले में फंसा था पेंच
हथियारों की खरीद फरोख्त के मामले में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं. लेकिन राजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं या नहीं, इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. अदालत के रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि नहीं हो रही थी. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता की ओर से अदालत के सामने कोई भी पेश नहीं हुआ. ऐसे में अब लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कोर्ट ने स्थायी वारंट जारी कर दिया है. विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि सांसद-विधायक संबंधी विशेष अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) महेंद्र सैनी ने लालू यादव के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया है.