
Air India plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया का एक पैसेंजर प्लेन उड़ान भरते ही क्रैश हो गया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया के विमान बोइंग AI-171 का इंजन फेल हो गया था...इस दौरान पायलट के पास बस 1 मिनट ही टाइम था. विमान के पायलट की ओर से क्रैश से ठीक पहले करीबी एटीसी को सिग्नल भेजा गया था ...ये सिग्नल MAYDAY... MAYDAY... MAYDAY की तौर पर भेजा गया था. लेकिन इसके बाद विमान की ओर से एटीसी को कोई सिग्नल नहीं दिया गया...जब तक कोई कुछ कर पाता विमान हादसे का शिकार हो चुका था. बताया जा रहा है कि तकनीकि खराबी के बाद विमान इतनी कम ऊंचाई पर था कि वह पेड़ों से टकरा गया. इसके बाद इसका पिछला हिस्सा इमारत से टकराया और इसके बाद उसमें आग लग गई. हालांकि अभी पूरी जांच के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकेगी. इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 2 पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल हैं. इस एयरक्राफ्ट को कैप्टन सुमित साभरवाल चला रहे थे, जबकि उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे. सुमित साभरवाल को 8200 घंटे फ्लाइट उड़ाने का अनुभव था, जबकि क्लाइव का अनुभव 1100 फ्लाइट आवर का था.
क्या होती है MAYDAY Call?
दरअसल किसी भी फ्लाइट में 'मेडे कॉल' (Mayday Call) एक इमरजेंसी मैसेज होता है, जो पायलट उस वक्त देता है जब विमान किसी गंभीर संकट में फंसा होता है. मसलन- यात्रियों की जान को खतरा होना, विमान में आग लगना, हवा में टकराव का खतरा होना, विमान हाईजैक की स्थिति में होना या फिर विमान का इंजन फेल होगा.इसे प्लेन के रेडियो पर तीन बार बोला जाता है—"Mayday, Mayday, Mayday" ताकि साफ हो जाए कि यह मज़ाक नहीं बल्कि असली संकट है. इस कॉल के ज़रिए कोई भी पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और नज़दीकी विमानों को अलर्ट करता है कि प्लेन को अविलंब सहायता की ज़रूरत है. इसके बाद ATC कई कदम उठाता है. मसलन- इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत देना, रनवे को खाली करवाना, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस का इंतजाम करना, विमान की सहायता करना आदि. वैसे आपको बता दें कि ‘मेडे' शब्द फ्रेंच के "m'aider" से आया है, जिसका मतलब होता है मेरी मदद करो.
सबसे ज्यादा प्लेन क्रैश टेकऑफ-लैंडिग के दौरान ही होते हैं
एविएशन सेफ्टी के अनुसार, सबसे ज्यादा विमान हादसे टेक ऑफ के दौरान और फिर लैंडिंग के दौरान होते हैं. बीते 7 साल में हर साल औसतन 200 विमान हादसे हुए हैं. 2023 में 109 ऐसी दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें से 37 टेकऑफ और 30 लैंडिंग के दौरान हुई थीं. इस बार एयर इंडिया विमान हादसा भी टेकऑफ के दौरान ही हुआ है. दरअसल, टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान ही अक्सर इंजन फेल हो जाते हैं. एविएशन सेफ्टी के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2023 के बीच दुनियाभर में 813 प्लेन क्रैश हो चुके हैं. प्लेन क्रैश की 813 घटनाओं में 1,473 यात्रियों ने इन हादसों में जान गंवा दी थी. सबसे ज्यादा विमान हादसे लैंडिंग के दौरान होते हैं। इन सात साल में लैंडिंग के दौरान 261 हादसे हुए हैं. उसके बाद 212 हादसे उड़ान के दौरान ही हुए हैं. इसी दौरान भारत में 14 हादसे हुए हैं.
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