Health Insurance: आजकल भी भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बीमार होना स्वाभावकि है. यही कारण है कि आजकल हर कोई स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) लेने लगा है, लेकिन क्या हो जब आपको जरूरत हो और आपकी बीमा कंपनी आपका मेडिक्लेम मंजूर करने में आनाकानी करने लगे? एक ताजा सर्वे में खुलासा हुआ है कि बीमा कंपनियां मेडिक्लेम में अप्रूव करने से बचने लगी है.
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मेडिकल क्लेम मंजूर नहीं होने से मरीजों की देखभाल में देरी हो रही है
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस तरह के सर्वे से पता चलता है कि बीमाकर्ता भी डॉक्टरों से उपचार करने से पहले अनुमति लेने की मांग कर रहे हैं. इस वजह से मरीजों की देखभाल में देरी हो रही है. इसे अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने "भयानक" बताया है, जबकि कई राज्यों ने बढ़ते जन आक्रोश के बीच ऐसी चीजों को रोकने के लिए कानून भी बनाए गए हैं.
सबसे बड़ी निराशा बीमा कंपनियां बिना स्पष्टीकरण के काम करती हैं
बीमा करने वाली एजेंसियां कवरेज के लिए मना करने वाली परिस्थितियों और प्री-ऑथराइजेशन का बचाव करती हैं. उनका कहना है कि ये उपाय बढ़ती लागतों को रोकने के लिए हैं. मरीजों के वकीलों के अनुसार, सबसे अधिक निराशा की बात यह है कि बीमा कंपनियां बिना स्पष्टीकरण के काम करती हैं और उनके क्लेम नहीं देने का औचित्य भी स्पष्ट नहीं होता है.
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बीमा एजेंसिया मरीजों की देखभाल से इंकार करके पैसे कमा रहे हैं
न्यूयॉर्क में मेडिक्लेम अस्वीकृतियों के खिलाफ अपील करने वाली एलिजाबेथ बेंजामिन ने कहा, लोग इसलिए नाराज हैं क्योंकि यह सब एक बड़ा रहस्य है, हमारे लिए एक समाज के रूप में यह गलत है कि हम ऐसी किसी चीज पर भरोसा करें जो इतना खराब है, यह उन बड़े निगमों पर भरोसा करने भी मुश्किल है, जो देखभाल से इंकार करके पैसे कमाते हैं.
5 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर रिजेक्शन दर 14 -16 फीसदी के बीच रही
सर्वे के मुताबिक यह जानना मुश्किल है कि क्लेम को क्यों और कितनी बार रिजेक्ट किया जा रहा है या चिकित्सा प्रक्रियाओं की प्रारंभिक जांच की जा रही है? नेशनल एसोसिएशन ऑफ इंश्योरेंस कमिश्नर्स के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर रिजेक्शन की दर 14 प्रतिशत से 16 प्रतिशत के बीच रही है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)