Madhya Pradesh News : ग्वालियर जिले के बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत (Sarpanch Vikram Rawat Murder Case) की नृशंस हत्या के बाद गुरुवार को उंनकी साली ने प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जहर खाकर खुदकुशी (Suicide) कर ली. इस मामले में पुलिस (Police) ने बीती देर रात बड़ा एक्शन लेते हुए दो थाना प्रभारियों (TI) सहित 15 लोगों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का आपराधिक केस दर्ज कर लिया है. वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी (Main Accused) पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत अभी फरार है. मृत सरपंच की पत्नी ने ग्वालियर के पुलिस अधिकारियों (Gwalior Police Officers) पर गम्भीर आरोप लगाए हैं.
सरपंच की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक सरपंच का घर शिवपुरी लिंक रोड पर है. वहां उसकी पत्नी नीतू और साली आरती रावत भी रहती थीं. आरती ने गुरुवार की दोपहर जहरीला पदार्थ खा लिया था. हालत बिगड़ने के बाद उसे जेएएच (JJH) में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार को सुबह उसने दम तोड़ दिया.
मृत सरपंच की पत्नी का कहना है "मुख्य आरोपी मुकेश रावत भारत सरकार का बड़ा अफसर है. नामजद होने के बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है. यह सब बातें मेरी बहन भी देखती और सुनती थी, तो कहती थी कि कहीं से कोई न्याय नहीं मिलेगा. बहन ने जान दे दी, अब तो हम लोगों को भी जान दे देनी चाहिए."
यह आत्महत्या नहीं मर्डर है : नीतू
नीतू ने कहा कि कल एसपी सर ने भी बोला कि तुम्हारा पति उन लोगों को जीने नहीं दे रहा था. साफ दिख रहा है कि पूरा पुलिस प्रशासन उन्हीं लोगों के पक्ष में काम कर रहा है. हमारे लोग एक के बाद एक खत्म होते जा रहे हैं. नीतू ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं मर्डर है. मेरी बहन ने मरने के पहले बयान भी दिए हैं.
पुलिस बोली जांच करेंगे
एडिशनल एसपी (Additional SP) ने बताया था कि बन्हेरी के सरपंच ने अपनी साली आरती रावत को बचपन से पाला-पोसा है. आरती उनके परिवार के साथ ही रहती थी. सरपंच विक्रम रावत की हत्या के बाद से ही आरती मानसिक रूप से बहुत परेशान रहती थी, उसने डिप्रेशन में कोई जहरीली वस्तु खा ली, जिससे उसकी मौत हो गई. नीतू के आरोप पर एएसपी का कहना है कि मुकेश रावत पर इनाम घोषित कर दिया गया है. अनेक जगह दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी है. गौरतलब है कि आरोपी मुकेश रावत इंदौर में पीएफ कमिश्नर बताए जाते हैं जो हत्या में नाम आने के बाद से फरार हैं.
रात को आरती का शव लेकर परिजनों ने किया हंगामा
शुक्रवार को आरती के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था. शव को लेने के बाद आरती की बहन और अन्य परिजनों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस पर संगीन आरोप लगाए. इस बीच एसएसपी राजेश सिंह चन्देल सहित सभी आला पुलिस अफसर अस्पताल पहुंचे और वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस अफसरों ने रात भर सरपंच की पत्नी और परिजनों को बहुत समझाइश दी साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का भरोसा भी दिलाया.
देर रात इन लोगों पर हुआ केस दर्ज
देर रात कम्पू थाना पुलिस ने आरती को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में इस मामले में फरार चल रहे पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत के साले नरेश रावत, थाना प्रभारी अशोक नगर, उसके नजदीकी रिश्तेदार पोरसा थाना प्रभारी ओम प्रकाश रावत के अलावा विजेंदर रावत , गोपाल रावत, सूर्यभान, अमित, पुष्पेंद्र रावत, हरी उर्फ बनियाँ, दिलीप रावत, मुकेश रावत, एसएलआर कृष्णा रावत पत्नी मुकेश रावत, दिलीप रावत, मुकेश रावत, रणवीर रावत, संजय और बिजेंद्र के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है.
ग्वालियर में हुई थी सरपंच की हत्या
बीते 9 अक्टूबर को बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की हत्या ग्वालियर के कांति नगर इलाके में शूटर्स ने दिन दहाड़े तब की थी जब वह अपने एडवोकेट से मिलने उनके घर पहुंचे थे. वह जैसे ही अपनी गाड़ी से उतरे स्कूटर से पहुंचे शूटर्स ने ताबड़-तोड़ गोलियां बरसाकर उन्हें मार डाला और फरार हो गए. इस घटना के बाद सरपंच समर्थकों ने एसपी ऑफिस पर जमकर हंगामा किया था जबकि बन्हेरी गाँव में आरोपियों और उनके समर्थकों के पचास से ज्यादा घरों को तहस-नहस करके आग लगा दी गई थी. वहां अभी भी तनाव का माहौल है. इस मामले में पुलिस चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमे से एक को शाॅर्ट इनकाउंटर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मुकेश रावत अभी फरार है.
पहले सरपंच के भाई की भी हुई थी हत्या
इस विवाद में यह दूसरी हत्या थी. इससे पहले भी ग्राम बन्हेरी में इन्ही दो गुटों में विवाद हुआ था, 21 जून 2021 को सरपंच विक्रम के भाई को आरौन थाने के बाहर गोली मारी थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. जमानत पर छूटने के बाद आरोपियों ने सरपंच विक्रम की भी हत्या कर दी. विक्रम की हत्या से आहत होकर उसकी साली ने जहर खा लिया जिससे शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
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