MP NEWS: मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक पुलिस थाने में 35 वर्षीय दलित व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया और हत्या का आरोप लगाया. वहीं विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर राज्य में "जंगल राज" का आरोप लगाया.
पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने बताया, “मुकेश लोंगरे की शनिवार को यहां सतवास पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद मौत हो गई, जहां 26 दिसंबर को एक महिला ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.”
गहलोत ने कहा, "जब इंस्पेक्टर आशीष राजपूत उसका बयान पढ़ रहे थे, तो लोंगरे ने गमछे से अपने गले में फंदा बनाया, उसे लॉक-अप में खिड़की की ग्रिल से बांधा और गर्दन को खींचना शुरू कर दिया. पुलिस ने उसे रोका और अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया." "उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. उन्हें सिर्फ अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) नंदनी उइके मौत की जांच कर रही हैं. जेएमएफसी ने आज सुबह घटनास्थल का दौरा किया. जिला मजिस्ट्रेट ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया की निगरानी के लिए तीन डॉक्टरों को नियुक्त किया है." गहलोत ने कहा कि इंस्पेक्टर आशीष राजपूत को निलंबित कर दिया गया है, जबकि भारतीय न्याय संहिता और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत निर्धारित सभी अन्य प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.
गहलोत ने कहा, "कुछ राजनेताओं ने इस मुद्दे को हाईजैक कर लिया है, जिसके कारण उनके परिजनों ने पुलिस स्टेशन के पूरे स्टाफ को निलंबित किए जाने तक पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. यह एक तर्कहीन मांग है. हमने इंस्पेक्टर को पहले ही निलंबित कर दिया है, क्योंकि मौत उनके प्रभारी रहते हुए हुई थी."
परिजनों ने लगाए ये आरोप
इस बीच, लोंगरे के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला की शिकायत के संबंध में उनके खिलाफ कार्रवाई की गंभीरता को कम करने के लिए रिश्वत मांगी, बाद में स्टाफ ने उन्हें बताया कि उनकी मौत हो गई है. शनिवार को शुरू हुए और रविवार को जारी रहे पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन के बीच लोंगरे के परिजनों ने पुलिस पर उसकी हत्या का आरोप लगाया.
कांग्रेस हुई हमलावर
मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है, पर हमला करते हुए कांग्रेस ने रविवार को सतवास थाने के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल हुए. पटवारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में जंगल राज कायम है. थाने के अंदर एक दलित व्यक्ति की हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए." पटवारी के सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सतवास थाने के पूरे स्टाफ को निलंबित करने की मांग की.
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