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This Article is From Jul 20, 2023

अवैध कब्जे के लिए दो एकड़ जंगल की कर दी कटाई, एक हज़ार पेड़ काटे

अम्बिकापुर के जंगल में अवैध कब्जा करने के लिए साल और सौगन के लगभग एक हज़ार से ज़्यादा पेड़ काट दिए गए. इस मामले के सामने आने के बाद से वन विभाग में हडकंप मच गया है.

अवैध कब्जे के लिए दो एकड़ जंगल की कर दी कटाई, एक हज़ार पेड़ काटे
दो एकड़ जंगल में एक हज़ार पेड़ों की कटाई
अम्बिकापुर:

छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर जिले में स्थित लखनपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम बेलदगी के जंगल में अवैध कब्जे को लेकर लगभग 2 एकड़ जंगल से सैकड़ों पेड़ों को काट देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद से वन विभाग में हडकंप मच गया है. आनन-फानन में अधिकारी मामले की छानबीन में जुट गए हैं. काटे गए पेड़ साल और सागौन के बताए जा रहे हैं. 

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अम्बिकापुर के जंगल में अवैध कब्जा करने के लिए लगभग एक हज़ार से ज़्यादा पेड़ काट दिए गए.



एक ओर जहां शासन जंगलों को बचाने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिय वृक्षारोपण नर्सरी लगाकर देखरेख के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के उदासीन रवैये के कारण जिले के लखनपुर अंतर्गत आने वाले लगभग 2 एकड़ क्षेत्रफल वाले वन परीक्षेत्र ग्राम बेलदगी खचागुड़ा जंगल में साल और सागौन पेड़ों की कटाई का काम धड़ल्ले से चल रहा है. यहां सैकड़ों हरे-भरे, छोटे-बड़े पेड़ों की कटाई अंधाधुन की जा रही हैं. 

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो दिन-रात अवैध कटाई कर लकड़ी तस्कर का काम किया जा रहा है. ग्रामीण दिन में लकड़ी को वाहनों से ले जाते हैं, लगभग छोटे-बड़े 1000 पेड़ों को काट दिया गया है.  वहीं वन विभाग कर्मचारी जंगल की अवैध कटाई में कोई सुध नहीं ले रहे हैं.

पिछले साल भी लकड़ी तस्करों और ग्रामीणों के द्वारा इसी जंगल में 5 एकड़ में लगे हजारों पेड़ों को काट दिया गया था. वन विभाग के द्वारा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई थी. 

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वहीं, लकड़ी काटे जाने के संबंध में जब सर्किल प्रभारी प्रेमसागर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव वाले ही सामूहिक रूप से जंगल काट रहे हैं. वहां जाना खतरे से खाली नहीं है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते हैं. अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. इसके साथ ही प्रेमसागर से जंगल का नाम और बीट क्रमांक पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. जाहिर है जंगल का बीट क्रमांक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिससे आप जंगल का सही लोकेशन पता कर सकते हैं. इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी बृजेश ठाकुर से पूछने पर उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है, टीम भेज रहा हूं जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. 
 

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