
Chhattisgarh Nuns Bail: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक विशेष अदालत ने शनिवार को दुर्ग जिले में कथित मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार केरल की दो नन समेत तीन लोगों को जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि रिहाई के लिए प्रति व्यक्ति 50 हज़ार रुपये का बॉन्ड जमा कराने होंगे. इसके साथ ही सभी आरोपियों के पासपोर्ट जमा करने के आदेश दिए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि बिना अनुमति कोई भी आरोपी देश के बाहर नहीं जा सकते हैं.
अधिवक्ताओं ने बताया कि तीनों को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एनआईए अदालत) सिराजुद्दीन कुरैशी की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद उनकी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दो नन समेत 3 को मिली जमानत
ननों की जमानत अर्जी को बिलासपुर में एनआईए कोर्ट ने मंजूर कर लिया और मामले में गिरफ्तार 2 नन और नारायणपुर के एक युवक को सशर्त जमानत दे दी. दरअसल, दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद केरल की दो नन समेत तीन लोगों को जमानत दी गई. यह सुनवाई बिलासपुर NIA कोर्ट में हुई. बता दें कि बीते दिनों दो नन की दुर्ग से गिरफ्तारी हुई थी. बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि अदालत ने तीनों को सशर्त जमानत दे दी है.
दो नन की दुर्ग से हुई थी गिरफ्तारी
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर 25 जुलाई को शासकीय रेल पुलिस ने नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था.
जबरन धर्म परिवर्तन और तस्करी का आरोप
बता दें कि दुर्ग की जीआरपी पुलिस ने 25 अप्रैल को नारायणपुर के ओरछा की 3 आदिवासी लड़कियों की मानव तस्करी और धर्मांतरण की शंका पर केरल की 2 नन और नारायणपुर के एक आदिवासी युवक को गिरफ्तार किया था. हिंदूवादी संगठन बजरंग दल की लिखित शिकायत और जीआरपी थाने में हंगामें के बाद ये कार्रवाई की गई थी. ननों की गिरफ्तारी के बाद से छत्तीसगढ़ से दिल्ली, केरला तक सियासत तेज थी. इंडिया गठबंधन के कांग्रेस और सीपीआई से जुड़े सांसद और कई नेता ननों के समर्थन में छत्तीसगढ़ पहुंचे. सरकार पर गलता कार्रवाई के आरोप लगाए.
ननों की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज
केरला बीजेपी के नेताओं ने भी गिरफ्तार ननों को निर्दोष बताया. लेफ्ट विंग की नेता बृंदा करात ने तो बजरंग दल पर कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियों से मारपीट कर उनसे गलत बयान लिए गए. इसके अलावा जीआरपी थाने में बजरंग दल द्वारा कानून का उलंघन किया गया. बता दें कि ननों की गिरफ्तारी के बाद से ही सियासत तेज है. इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत नेताओं ने ननों का समर्थन किया.
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