विज्ञापन
Story ProgressBack

Elephant Terror: जंगली हाथियों का आतंक ! पल भर में कई घरों को कर दिया तहस-नहस, बेघर हुए लोग

Wild Elephant: कुछ माह से राहत थी जंगली हाथियों के खौफ (Wild Elephants) से, लेकिन अब एक बार फिर से सरगुजा के अंबिकापुर के गांवों से हाथियों के आतंक की खबर आई है, जहां तीन दिनों से गांव में हाथियों का आतंक जारी है.

Read Time: 3 mins
Elephant Terror: जंगली हाथियों का आतंक ! पल भर में कई घरों को कर दिया तहस-नहस, बेघर हुए लोग
छत्तीसगढ़ के शिमला कहें जाने वाले मैनपाट में जंगली हाथियों का आतंक जारी.

CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले के अंबिकापुर (Ambikapur) के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश से पहले जंगली हाथियों (Wild Elephants) का आतंक एक बार फिर से शुरू हो गया है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के शिमला से जाने वाले मैनपाट का है, जहां पिछले तीन दिनों से जंगली हाथियों ने उत्पात मचाते हुए लगभग एक दर्जन से ज्यादा घरों को तोड़ दिया है, जिसके कारण ग्रामीणों में भय के माहौल में खुले आसमान के नीचे रात गुजारना पड़ रहा है.

आधा दर्जन से अधिक घर क्षतिग्रस्त..

प्रभावित परिवारों के समक्ष आजीविका को लेकर संकट.

प्रभावित परिवारों के समक्ष आजीविका को लेकर संकट.

वहीं, वन विभाग जंगली हाथियों को जंगलों की ओर खड़े रहने में अब तक नाकाम साबित हुआ है. दरअसल मैनपाट वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत उड़मकेला के आश्रित गांव मोहनाडिहारी में गुरुवार की रात लगभग 10 बजे घुसे हाथियों ने आधा दर्जन से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. 

आजीविका को लेकर संकट

सुबह 5 बजे तक हाथी बस्ती में ही विचरण करते रहे.सारी रात आबादी क्षेत्र में विचरण करने के बाद अलसुबह हाथी नजदीक के जंगल में चले गए. गांव में पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ रहते हैं. सुबह जब वे अपने घरों तक पहुंचे तो घर में रखे अनाज को हाथी चटकर गए थे. घरेलू उपयोग के सारे सामानों को हाथियों ने तहस- नहस कर दिया था. हाथियों के द्वारा पहुंचाई गई क्षति के बाद प्रभावित परिवारों के समक्ष आजीविका को लेकर संकट की स्थिति बन गई है. 

रात में घर में नहीं रहते ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि शाम से ही जंगली हाथियों की आबादी क्षेत्र के आसपास मौजूदगी रहती है, जिसके कारण देर रात जब हाथियों का बस्ती की ओर रुख होना निश्चित रहता है, इसी कारण उन्होंने घर से दूरी बना ली. हाथियों के बस्ती में प्रवेश को देखते हुए प्रभावित परिवारों के लिए रात में शासकीय छात्रावास में व्यवस्था की गई थी. छात्रावास में पूरी रात बिताने के बाद जब वे अपने-अपने घरों की ओर गए, तो वहां का नजारा देखकर इनके होश उड़ गए. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की निगरानी में लगे हुए हैं. 

ये भी पढ़ें- विष्णुदेव सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस, बलौदाबाजार हिंसा के विरोध में सभी जिलों में होगा प्रदर्शन

यह विवाद है पुराना

जंगली हाथियों का आतंक, कई घर हुए तबाह.

जंगली हाथियों का आतंक, कई घर हुए तबाह.

जंगली क्षेत्र में मानव का कब्जा होने के बाद आए दिन हाथी सहित अन्य वन्य प्राणियों का शहर की ओर रुख होते देखा जा रहा है. वन्य क्षेत्रों का घटता दायरा मानव जीवन में उथल-पुथल लाने के साथ ही वन्य प्राणियों को बस्तियों की ओर रुख करने के लिए मजबूर कर रहा है. यही कारण है कि हाथी-मानव के बीच द्वंद्व की स्थिति बनते जा रही है. वन विभाग का अमला गांव के प्रभावित परिवारों को पहुंची क्षति का आकलन करने में लगा है. इसके बाद नियमानुसार मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि हाथियों का दल नजदीक के जंगल में है. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की निगरानी के साथ ही ग्रामीणों को सतर्क करने में लगे हैं.

ये भी पढ़ें- MP-छत्तीसगढ़ में मनाया गया योग दिवस, विष्णु-मोहन समेत दोनों राज्यों के लोगों ने ऐसे किया योगासन

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Food Park: 3.5 करोड़ रुपये के मेगा फूड पार्क से रोजगार का था वादा, पर ये शराबियों का बन गया ठिकाना !
Elephant Terror: जंगली हाथियों का आतंक ! पल भर में कई घरों को कर दिया तहस-नहस, बेघर हुए लोग
RGGPGC Ambikapur Students upset due to exams not being held on time Done protest
Next Article
RGGPGC:अंबिकापुर में राजीव गांधी कॉलेज की वेबसाइट ठप, नाराज छात्रों ने प्रिंसिपल का कर दिया घेराव! फिर हुआ ये..
Close
;