
छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत राज्य के 447 शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की तैनातीकर दी गई है. अब राज्य में कोई भी प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेंड्री स्कूल बिना शिक्षक के नहीं है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शिक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बच्चों के भविष्य को संवारने का सफल प्रयास है.
राज्य में 16 जून से नया शिक्षा सत्र शुरू हो रहा है. इसके बाद से अब हर स्कूल में घंटी बजेगी और क्लास लगेंगी, फिर बच्चों की पढ़ाई हुआ करेगी. बिन शिक्षकों के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती से एक नई उम्मीद जगी है. गांवों में शिक्षक के आने की खबर से पालक और बच्चे बेहद खुश हैं.
इन स्कूलों में हुई शिक्षकों की तैनाती
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत 357 प्राथमिक स्कूल, 30 माध्यमिक स्कूलों में नियमित शिक्षकों की तैनाती कर दी है. राज्य के बिना शिक्षक वाले 66 हाई स्कूलों में से सुकमा जिले के 4 हाई स्कूल और नारायणपुर जिले के 2 हाई स्कूल में शिक्षकों की तैनाती के लिए अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है, जबकि 60 शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है.
राज्य का कोई भी हायर सेकेंड्री स्कूल बिना शिक्षक के नहीं था. सिर्फ 4 हायर सेकेंड्री स्कूलों में एक शिक्षक था. अब युक्तियुक्तकरण के तहत इन स्कूलों में भी शिक्षकों की संख्या बढ़ा दी है.
4465 स्कूलों में शिक्षक तैनात
राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूलों सिर्फ एक शिक्षक था. इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो या दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है. राज्य में सिर्फ 1207 प्राथमिक स्कूल एक शिक्षक वाले बचे हैं.
इसी तरह 211 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक की तैनाती थी, अब इनमें से 204 स्कूलों में दो या दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. बाकी बचे सात स्कूलों में भी व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी. इसी तरह राज्य के 49 हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों तैनाती कर दी है.