Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर कोरिया से खिलाड़ियों की सुविधाओं को लेकर बड़ी खबर है.जिले में खिलाड़ियों की सालों पुरानी मांग के बावजूद आर्टिफिशियल टर्फ फुटबॉल मैदान की सुविधा नहीं मिल सकी. जबकि जिले से हर साल फुटबॉल खिलाड़ी छत्तीसगढ़ टीम का हिस्सा बनकर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन रहे हैं.
जिले में एक भी अच्छा मैदान नहीं
आपको बता दें, जिले में जितने भी खेल मैदान हैं,उनमें खिलाड़ियों के प्रैक्टिस करने लिए जरूरी सुविधाएं नहीं है. इसके बावजूद हमारे खिलाड़ी अपने दम पर नेशनल लेवल के मुकाबले खेल रहे हैं और जीत भी रहे हैं. जिले के खिलाड़ी राज्य स्तर पर चयनित होकर दूसरे राज्यों में टूर्नामेंट खेलने पहुंच रहे हैं, पर सबसे बड़ी विडंबना यह है कि राज्य और नेशनल लेवल खेल की प्रैक्टिस के लिए जिले में एक भी अच्छा मैदान नहीं है.
7वीं बार संतोष ट्राफी में शामिल हो रहे
जबकि यहां के खिलाड़ी कई बड़े प्रतियोगिता खेल और जीत चुके हैं. नगर पालिका क्षेत्र शिवपुर चरचा के आयुष सिंह और अनुराग सिंह अंडर 19 में छत्तीसगढ़ टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पुष्पराज अंडर 14 में छत्तीसगढ़ टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. वहीं,नवीन नायक 7वीं बार संतोष ट्राफी में शामिल हो रहे हैं.
टीमें खेलने से कर देती हैं मना
चरचा कॉलरी के महाजन स्टेडियम में एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र हर साल नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करती है. इसमें देश के विभिन्न राज्यों से टीमें प्रतियोगिता में शामिल होती हैं, पर यहां के मैदान की हालत यह है कि कई टीमें यहां की फोटो देखते ही खेलने से मना कर देती है.
मैदान में दर्शकों के बैठने के लिए निर्माण कार्य शुरू हुआ. लेकिन मामला न्यायालय में लंबित है. राशि का भुगतान नहीं होने के कारण व टेंडर निरस्त करने को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
तो वे बेहतर प्रैक्टिस कर सकते हैं
मैदान को संवारने के लिए एसईसीएल व शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास जरूरी हैं, खिलाड़ियों की मांग है कि यदि आर्टिफिशियल टर्फ फुटबॉल मैदान की सुविधा मिलती है, तो वे बेहतर प्रैक्टिस कर सकते हैं. वहीं,यहां नेशनल व स्टेट लेवल पर टूर्नामेंट कराकर खिलाड़ियों के खेल में निखार लाया जा सकता है. फुटबॉल को लेकर जिले के खिलाड़ियों में एक अलग ही उत्साह है.
ग्राउंड पिच ठीक नहीं
चरचा के फुटबॉल कोच विजय विश्वकर्मा ने कहा कि यहां से बच्चे राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जाते हैं, लेकिन ग्राउंड की सुविधा नहीं है, बच्चों को अपने हिसाब से ग्राउंड को मेंटेन करना पड़ता है, पानी की व्यवस्था नहीं है. हर साल 10 से 12 बच्चे ओपन नेशनल में जाते हैं. बावजूद यहां ग्राउंड पिच ठीक नहीं है, जबकि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में टर्फ ग्राउंड की सुविधा है, जिससे वहां के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. पिच अच्छा नहीं रहेगा तो बच्चों को खेल में मुश्किल आती है, सुविधाएं अच्छी मिले तो खेल अच्छा व बेहतर हो सकता है.
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कई जगह उबड़-खाबड़..
खिलाड़ी साबिर खान ने कहा कि मैदान में पानी की समस्या होती है, पिच ठीक नहीं है, कई जगह उबड़-खाबड़ है, बारिश में झाड़ियां उग आई है, मैदान ठीक नहीं होने से खिलाड़ी गिरकर चोटिल हो जाते हैं. खिलाड़ी इंदू ने कहा कि मैदान ठीक नहीं होने से उन्हें परेशानी होती है, अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं.
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