
Sachin Tendulkar Foundation in Dantewada: भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अब खेल के ज़रिए सामाजिक बदलाव की बुनियाद रख रहे हैं. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले में, जो लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता रहा है, अब खेल की नई सुबह होने जा रही है. मानदेशी फाउंडेशन (Mann Deshi Foundation) के सहयोग से सचिन तेंदुलकर यहां 50 खेल मैदानों का निर्माण करवा रहे हैं. यह पहल ना सिर्फ युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करेगी, बल्कि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम भी बनेगी.
Where there was once silence, now echoes of laughter fill the air!🌱⚽️🏏
— Sachin Tendulkar Foundation (STF) (@STF_India) May 27, 2025
With the Maidan Cup initiative, 50 villages in Dantewada, Chhattisgarh are turning open spaces into vibrant playgrounds—safe havens where over 10,000 children can play, grow, and dream without limits.
This… pic.twitter.com/U0NCsGIaWX
नक्सलगढ़ की बदलती तस्वीर
दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही ज़हन में एक तस्वीर उभरती है — घने जंगल, आदिवासी जीवन और नक्सली गतिविधियों की छाया. लेकिन अब इस तस्वीर में बदलाव होने जा रहा है. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की प्रेरणा और मानदेशी फाउंडेशन की साझेदारी से बस्तर के गांवों में 50 खेल मैदानों का निर्माण हो रहा है, जो वहां के बच्चों और युवाओं के लिए एक नई दिशा तय करेंगे.
कैसी है समाजिक बदलाव की पहल?
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल खेल प्रतिभाओं को निखारना है, बल्कि ग्रामीण अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेश को भी बढ़ावा देना है. सचिन तेंदुलकर का मानना है कि खेल जीवन को अनुशासित बनाते हैं और युवाओं में नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क और आत्मविश्वास जैसे गुणों को विकसित करते हैं.
इस योजना से विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के बच्चों को लाभ होगा, जो अब तक संसाधनों की कमी के कारण अपनी प्रतिभा को सही दिशा नहीं दे पाए थे. यह खेल मैदान उन्हें न केवल अपने सपनों को उड़ान देने का मौका देंगे, बल्कि समाज में एक नई पहचान भी दिलाएंगे.
दंतेवाड़ा में बन रहे ये 50 खेल मैदान महज़ ज़मीन के टुकड़े नहीं, बल्कि सपनों की पगडंडी हैं. सचिन तेंदुलकर की इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में बस्तर से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरेंगे. यह बदलाव न केवल खेल के क्षेत्र में होगा, बल्कि समाज की मानसिकता और सोच में भी नई रोशनी लाएगा.
यह भी पढ़ें : Women Commandos: नक्सलियों के खात्मे के बीच, 'दंतेश्वरी लड़ाके' की कहानी; सरेंडर के बाद मोर्चे पर जुटीं
यह भी पढ़ें : Modi Sarkar Ke 11 Saal: मोदी सरकार के 11 साल पूरे; ₹1 लाख से ₹1 हजार तक जीतने का मौका, जानिए कैसे?
यह भी पढ़ें : ₹1 करोड़ का इनामी सुधाकर; युवाओं को हिंसक बनाने वाला नक्सली टीचर, कभी शांति चाहता था... जानिए पूरी कहानी