RTE Admission Chaos in Korea : शिक्षा का अधिकार (RTE) से निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए पहले चरण में कोरिया और MCB जिले के 200 स्कूलों में 1259 सीटों पर 2706 बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. इनमें से 1111 बच्चों का चयन लॉटरी सिस्टम के आधार पर हुआ और 925 बच्चों को प्रवेश मिल चुका है. अब दूसरे चरण के लिए 18 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे, जिसमें बचे हुए 186 सीटों के लिए लॉटरी सिस्टम से प्रवेश दिया जाएगा.
क्या है मामला?
जिन्होंने अपना पता बदल-बदल कर एक या इससे अधिक स्थानों के स्कूलों में RTE के तहत प्रवेश के लिए आवेदन किया था, ऐसे 186 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया है. कुछ आवेदनों को दस्तावेजों के अभाव, घर का पता अलग होने या अंत्योदय कार्ड न होने के कारण रद्द किया गया. ये आवेदक अब दूसरे चरण के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे. उन्हें उम्मीद थी कि वे अपने आवेदन में सुधार कर दूसरे चरण में आवेदन कर सकेंगे, लेकिन दोबारा खोले गए ऑनलाइन पोर्टल में सिर्फ उन्हीं को आवेदन करने का मौका दिया गया है, जिनके आवेदन अधूरे थे या प्रतीक्षा सूची में थे.
जांच में सामने आ रही गड़बड़ियां
पहले चरण में जांच में पाया गया कि दुर्ग जिले के दो अभ्यर्थियों ने अपने आधार कार्ड में पता बदलकर 6 से 8 स्थानों पर आवेदन किया था. सभी स्थानों पर उनका चयन भी हो गया. जब आधार कार्ड के नंबर से मिलान किया गया, तो गलती पकड़ में आई. दोनों के खिलाफ कलेक्टर ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के आदेश दिए हैं और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है. डीपीआई ने आदेश जारी किया है कि जिन लोगों के आवेदन रद्द कर दिए गए हैं, उन्हें दोबारा आवेदन का मौका नहीं दिया जाएगा.
क्या बोले अधिकारी?
MCB जिले के DEO अजय मिश्रा ने बताया कि 112 निजी स्कूलों में 674 सीटों के लिए RTE के तहत 1300 ऑनलाइन आवेदन किए गए थे. स्क्रूटनी के बाद 536 बच्चों का चयन किया गया, जबकि 44 सीटों के लिए किए गए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है. अब दूसरे फेज में आवेदन लिए जा रहे हैं. पहले फेज में 492 बच्चों को RTE से प्रवेश मिल चुका है, जिसमें नर्सरी में 220, केजी में 240 और क्लास-1 में 32 बच्चों को प्रवेश दिया गया है.
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कोरिया जिले में स्कूलों की संख्या कम होने के साथ ही RTE में सीटें भी कम हैं. कोरिया DEO जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि पहले फेस में 575 सीट के लिए 1406 आवेदन किए गए थे, जिसमें लॉटरी सिस्टम से 433 बच्चों को प्रवेश दिया गया है. बचे हुए 142 सीटों के लिए आवेदन पोर्टल के माध्यम से अभिभावक कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछड़ा जिला होने की वजह से यहां एक हितग्राही की तरफ से कई जगह से आवेदन करने की संभावना कम है.
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गलत आवेदन ट्रेस करने का सिस्टम नहीं
मिली जानकारी के मुताबिक, RTE के पोर्टल में विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांग कर आवेदन लिया जाता है, लेकिन यदि कोई गलत पता भर देता है, तो उसे ट्रेस करने का कोई सिस्टम नहीं है. भले ही आधार कार्ड नंबर एक ही क्यों न हो. सिस्टम में होना चाहिए कि यदि आधार कार्ड नंबर एक हो और उसका पता अलग-अलग हो, तो उसे आधार कार्ड के नंबर के आधार पर ट्रेस किया जा सके.