Aditya Singh Selected in RIMC: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर (Bastar) के लाल आदित्य सिंह (Aditya) ने कमाल करते हुए राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (Rashtriya Indian Military College) में चयनित हुए हैं. प्रदेश के मुखिया सीएम विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में चयनित बस्तर संभाग के फरसगांव के आदित्य सिंह के भारतीय सेना (Indian Army) में जाने के जज्बे की सराहना की है. मुख्यमंत्री ने आदित्य सिंह की इस उपलब्धि के लिए उनके पिता से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदित्य की यह सफलता पूरे प्रदेश के लिए गर्वित करने वाला पल है, आदित्य को भी इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.
छत्तीसगढ़ के युवा देश और प्रदेश की सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) January 1, 2025
बस्तर संभाग के फरसगांव के आदित्य सिंह ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) की मेरिट लिस्ट में स्थान पक्का कर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। उन्होंने न केवल अपने पिता का सपना साकार किया, बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी… pic.twitter.com/KROGXhc1NS
आदित्य की पढ़ाई की चिंता न करें : CM विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री ने आदित्य के पिता से कहा कि आदित्य की पढ़ाई की चिंता न करें, जो भी जरूरी होगा सहयोग करेंगे. आदित्य ने छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा देश और प्रदेश की सेवा में सदैव तत्पर हैं.
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में चयनित आदित्य सिंह ने अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर के बेटे आदित्य के पिता जयप्रकाश सिंह को फोन पर बधाई दी। pic.twitter.com/3SkTAHVHej
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) January 1, 2025
बस्तर के फरसगांव के बेटे आदित्य सिंह ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) की मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त कर प्रदेशवासियों को गौरवान्वित किया है.
पिता ने देखा था देश सेवा का सपना
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में चयनित आदित्य सिंह के पिता जय प्रकाश सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि मेरा बचपन से शौक था एयर फोर्स में जाऊं. पैसों के लिए प्राइवेट नौकरी, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी सफल नहीं हो सका. लेकिन एक बार एयरफोर्स आफिसर से मुलाकात के बाद काफी प्रभावित हुआ, तब मैंने सोचा था कि मैं तो एयर फोर्स में नहीं जा पाया लेकिन मेरा बेटा सेना में जाए.
जनरल स्टोर से पढ़ाई का खर्च संभव न था, तब स्कॉलरशिप बनी सहारा
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में एडमिशन के लिए कंपीटिशन काफी ज्यादा था. उसके बाद आदित्य के पिता ने फरिदाबाद में एक कोचिंग संस्थान का पता लगाया, जनरल स्टोर से यहां की फीस भरना संभव नहीं था तब कोचिंग ने स्कॉलरशिप के लिए टेस्ट लिया. इसमें आदित्य सिलेक्ट हुआ और सौ फीसदी स्कॉलरशिप मिली. वहीं खाने-रहने और पढ़ने का काेई खर्च नहीं हुआ. बता दें कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून देश का प्रतिष्ठित स्कूल है. यहां प्रत्येक राज्य के लिए एक या दो सीट का कोटा ही है.
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