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This Article is From Dec 05, 2024

Food Schemes Scam: यहां मुर्दे भी ले जाते हैं सरकारी राशन, विश्वास न हो तो खबर पढ़ कर देखिए

Food Schemes Scam in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के नेवारीकला गांव में सरकारी राशन योजना का मजाक बनाया जा रहा है. आरोप है किया यहां सरपंच और सचिव मिलीभगत कर अपने मृत माता-पिता के नाम से राशन डकार रहे हैं. जानिए, पूरा खेल कैसे हो रहा है?

Food Schemes Scam: यहां मुर्दे भी ले जाते हैं सरकारी राशन, विश्वास न हो तो खबर पढ़ कर देखिए

Food Schemes Scam in Balod: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद जिले के नेवारीकला गांव में सरकारी खाद्य योजनाओं में घोटाले का खुलासा हुआ है. आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर एक मृत दंपति के नाम से फर्जी राशन कार्ड जारी किया और पिछले 18 महीनों से इसके जरिए राशन उठाया जा रहा है. ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बालोद कलेक्टर से शिकायत दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है.

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा?

आरोप है कि नेवारीकला गांव के उपसरपंच टीकेश कुमार शर्मा के माता-पिता, जो 18 महीने पहले ही स्वर्गवासी हो चुके हैं, लेकिन उनके नाम से फर्जी राशन कार्ड बनवाया गया. यह भी आरोप है कि सरपंच और सचिव की मिलीभगत से इस राशन कार्ड को जारी किया गया. उक्त राशन कार्ड का उपयोग खुद उपसरपंच कर रहे हैं, जो खुद सेल्समैन का काम भी संभालते हैं. उन्होंने न शासन की ओर से वितरित खाद्य सामग्री हासिल करने के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार, यह खाद्यान्न योजना में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार का मामला है.

ग्रामीणों का आरोप और मांग

ग्रामीणों ने लिखित शिकायत के माध्यम से यह मामला कलेक्टर के सामने उठाया है. शिकायत में सरपंच और सचिव पर आरोप लगाए गए है कि मृतक नंदकुमारी शर्मा और कमलेश्वर शर्मा के नाम पर फर्जी राशन कार्ड जारी कराया गया. उपसरपंच पिछले 18 महीने से इसका दुरुपयोग सरकारी खाद्य सामग्री हासिल करने के लिए किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह राशन कार्ड पद का दुरुपयोग कर बनवाया गया है. लोगों का यह भी आरोप है कि ग्रामीणों को शिकायत पर गोलमाल जवाब देने के साथ ही उन्हें धमकाया जाता है. लिहाजा, ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही राशन सामग्री की रिकवरी की जाए और उपसरपंच और सचिव को सभी पदों से हटाया जाए. इसके साथ ही इन दोनों का भविष्य में पंचायत के किसी पद पर नियुक्ति होने का अधिकार भी छीना जाए.

प्रशासन ने जांच के बाद कार्रवाई का दिया भरोसा

वहीं, इस पूरे मामले पर जिला खाद्य अधिकारी तुलसी राम ठाकुर ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद एक जांच टीम का गठन कर दिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल

यह घटना केवल एक गांव का मामला नहीं है, बल्कि यह पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करती है.यह मामला दिखाता है कि कैसे पंचायत अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. राशन जैसी महत्वपूर्ण योजना, जो गरीबों के लिए है, उसका दुरुपयोग किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. बार-बार शिकायतों के बावजूद भी कड़ी निगरानी और कार्रवाई न होना भी अफसोसनाक बात है.

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यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच रिपोर्ट कब तक आती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है. ग्रामीणों की शिकायत ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब प्रशासन के पास मौका है कि वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर अपनी जवाबदेही साबित करे.

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