
छत्तीसगढ़ के रायपुर में युवक की हत्या के मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या का मामला संपत्ति से जुड़ा हुआ है. मृतक किशोर पैकरा शारीरिक रूप से अक्षम था. उसके नाम जमीन थी, जिसे 50 लाख रुपये में बेचा गया था. किशोर की देखभाल यही दंपती करता था तो जमीन भी इन्ही के जरिए बिकी थी. जमीन जब 50 लाख में बिकी तो दंपती ने किशोर को 30 लाख रुपये जमीन के दाम बताए थे.
सूत्रों के अनुसार, जब किशोर पैकरा को पता चला कि उसे 20 लाख रुपये कम मिले हैं तो उनसे उसने बचे हुए पैसों की मांग की. इसके बाद दंपती आरोपी अंकित उपाध्याय और शिवानी शर्मा ने मिलकर किशोर की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव स्टील ट्रंक में शव डाल और उसमें सीमेंट डाल दी. फिर आरोपी ट्रंक को रायपुर के इंद्रप्रस्थ नाम की कॉलोनी के सुनसान इलाके में फेंक दिया. आरोपी यहां से दिल्ली फरार हो गए, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया.
ये है मामला, ऐसे पकड़ में आए आरोपी दंपती
पुलिस को डीडीनगर थाना क्षेत्र की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में एक ट्रंक में लाश मिली थी. पुलिस ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी में फुटेज दिखा कि दंपती ट्रंक खरीदता दिख रहा है. रायपुर के SSP लाल उम्मेद सिंह ने इसकी पुष्टि की है और बताया है कि दोनों आरोपियों को रायपुर लाकर पूछताछ की जाएगी तभी सारा सच सामने आएगा. उन दोनों को रायपुर लाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंच चुकी है. बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट से दंपती को गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी अंकित उपाध्याय पेशे से वकील और रायपुर में ही प्रैक्टिस करता है. सबूत मिटाने के मकसद से आरोपियों ने शव को सीमेंट के साथ फेंका था.
ट्रंक पर लिखे नाम से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
मामले की तफ्तीश करती हुई रायपुर पुलिस ट्रंक विक्रेता तक पहुंची. पता चला कि ट्रंक गोलबाजार पेटिलाइन से खरीदा गया था. इस पर हब्बू भाई लिखा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ट्रंक विक्रेता ने बताया कि एक युवक और युवती ने सोमवार की सुबह ट्रंक खरीदा था. विक्रेता ने संदिग्धों के हुलिए भी पुलिस को बताए. इसी के बाद पुलिस सक्रिय हुई और छानबीन में पता चला की दोनों आरोपी रायपुर से दिल्ली फरार हो गए. जिसके बाद रायपुर पुलिस के आग्रह पर दिल्ली पुलिस ने दोनों को दिल्ली एयरपोर्ट से धर दबोचा.
शव बरामद होने से पहले कॉलोनी के लोगों को लगे संदिग्ध
आरोपी दंपती 16 जून को इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में मकान देखने आए थे. 17 जून को संदिग्ध युवक अंकित उपाध्याय ने कॉलोनी के डी ब्लॉक में तीसरी मंजिल पर फ्लैट लिया. 23 जून को ट्रंक से शव सुनसान जगह पर ले जाते सीसीटीवी कैमरे में भी आरोपी कैद हुए है. शव बरामद होने से पहले ही कॉलोनी के लोगों ने पुलिस से शिकायत कर दी थी कि कॉलोनी के एक युवक ने संदिग्ध को लिफ्ट से ट्रंक को उतारते देखा, जिसमें कुछ संदिग्ध लगा था. इस तरह पुलिस को कॉलोनी वालों के इनपुट अहम सुराग मिले.