
"ऑपरेशन सिपाही रक्षा सूत्र" कार्यक्रम का आयोजन राजनांदगांव में किया गया. ये कार्यक्रम शहर के गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम में किया गया. इस कार्यक्रम में शहर के लोगों के साथ साथ पूर्व सैनिक, सैनिक शामिल हुए. इस कार्यक्रम के दौरान 11 लाख 11 हजार 111 राखियां देश के जवानों, ऑर्मी, नेवी, एयरफोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भेजने के लिए अभियान चलाया गया. अभी तक राजनांदगांव से 28 हजार से ज्यादा राखियां भेजी गई हैं लेकिन रक्षाबंधन को अभी काफी दिन है जिससे इस संख्या के काफी बढ़ने की उम्मीद है.
पूर्व सैनिक महासभा ने किया ये कार्यक्रमइस कार्यक्रम और इस महान अभियान को पूर्व सैनिको के द्वारा बनाए गए "पूर्व सैनिक महासभा" ने शुूरू किया. पूर्व सैनिक महासभा ने इसकी शुरूआत करके एक अलख जगा दी है. इस अलख की सोच है कि देश के हर जवान की कलाइयों पर ये राखियां बंधे और उन्हें ऐसा लगे कि राखी के इस त्योहार पर वो अपने घरों से दूर नहीं है.
आपको बता दे पूर्व सैनिक महासभा के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से राखियां एकत्रित की जायेगी और इन राखियों को सेना मुख्यालय में दे दिया जायेगा. इस अभियान में शहर के लोग भी शामिल रहे.
ये सोच देश को जोड़ने के लिए है, ये केवल राखी नहीं है बल्कि इसमें देशवासियों, देश की बहन- बेटियों की अमूल्य भावना भी जुड़ी हुई है.

कार्यक्रम के दौरान की तस्वीरें
लोगों ने इस कार्यक्रम और इस अभियान को सराहाहमारे संवाददाता ने इस कार्यक्रम में शामिल हुए कुछ लोगों से बात की तो उन लोगों ने इस कार्यक्रम और इसके उद्देश्य की प्रशंसा की और इसके लिए अपना योगदान देने की बात भी की वहीं एक महिला ने कहा इस रक्षाबंधन पर जवानों की कलाई सूनी नहीं रहेगी इससे अच्छा क्या हो सकता है.
इस तरह के कार्यक्रमों से देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले जवानों को भी अच्छा लगेगा. पूर्व सैनिक महासभा और इस कार्यक्रम को सफल बनाने वाले लोग इसके लिए प्रशंसा के पात्र है. पूर्व सैनिक महासभा के सदस्य पूर्व सैनिक हैं इन्होंने अपने सेना में रहने के दौरान इस दर्द को महसूस किया होगा, इसी लिए अब उनका ये प्रयास है कि अब ये दर्द किसी भी सैनिक को ना हो.