OBC Reservation News: छत्तीसगढ़ (Chhattsiagrh) में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. जहां सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, पिछड़ा वर्ग (OBC) महासंघ ने छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) पर ओबीसी आरक्षण को अवैधानिक तरीके से शून्य करने का गंभीर आरोप लगाया है. दरअसल, सरकार की ओर से हाल ही में जारी पंचायत निर्वाचन संशोधन के तहत, यदि किसी ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है, तो वहां अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा. सरकार के इस फैसले के बाद से ही राज्य के बस्तर, सूरजपुर और सरगुजा क्षेत्रों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
अब इस मुद्दे को लेकर OBC महासंघ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. महासंघ का दावा है कि सरकार का यह निर्णय संविधान के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. महासंघ का कहना है कि यह कदम पिछड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास है.
याचिका में उठाए गए मुख्य बिंदु
ओबीसी महासंघ के प्रदेश महासचिव और सूरजपुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. OBC महासंघ ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग की है कि संशोधित पंचायत निर्वाचन नियम को अवैधानिक करार दिया जाए, क्योंकि छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन संशोधन नियम (5) के तहत बनाए गए आरक्षण रोस्टर से ओबीसी वर्ग को पूरी तरह से वंचित कर दिया गया है, जो पूरी तरह से अवैध है. इसके साथ ही पिछले प्रावधानों के आधार पर नया आरक्षण रोस्टर तैयार किया जाए और पुराने प्रावधानों के आधार पर वैधानिक रूप से आरक्षण रोस्टर तैयार किया जाए और उसी के अनुसार पंचायत चुनाव कराए जाएं.
फैसले के खिलाफ ओबीसी समुदाय का जारी है विरोध और आंदोलन
सरकार के फैसले से नाराज ओबीसी समुदाय ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किए. बस्तर से लेकर सरगुजा तक ओबीसी वर्ग ने इस मुद्दे को लेकर अपनी असहमति जताई है. महासंघ का कहना है कि यह कदम पिछड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास है.
महासंघ को न्यायालय से उम्मीद
ओबीसी महासंघ को उम्मीद है कि माननीय हाईकोर्ट इस मामले में उचित निर्णय देकर उन्हें न्याय दिलाएगा. महासंघ का कहना है कि सरकार का यह निर्णय न केवल अवैधानिक है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों के भी खिलाफ है.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
OBC महासंघ ने सरकार पर आरक्षण प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता की कमी और मनमाने तरीके से निर्णय लेने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि यह फैसला पंचायत चुनाव में ओबीसी समुदाय की भागीदारी को कमजोर करने का एक साजिशपूर्ण कदम है.
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OBC महासंघ की ओर से न्यायालय में याचिका दाखिल करना यह दिखाता है कि यह मुद्दा जल्दी सुलझने के आसार नहीं है. अब देखना ये होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और ओबीसी वर्ग को उनके अधिकार वापस मिलते हैं या नहीं?
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