Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Arrests Kawasi Lakhma: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले (CG Liquor Scam Case) में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) को ईडी (ED) द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है. बुधवार को तीसरी बार पूछताछ के लिए कवासी लखमा ईडी दफ्तर पहुंचे थे, इसी दौरान उनको गिरफ्तार कर लिया गया. कवासी लखमा को 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया है. ED के वकील ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी. वहीं बचाव पक्ष के वकील फैसल रिज़वी ने विरोध करते हुए कहा कि लखमा को फंसाया जा रहा है, उनके मुवक्किल अनपढ़ है. उन्हें फंसाया गया हैइससे पहले कवासी लखमा से 2 बार ईडी ने लगभग 8-8 घंटे पूछताछ की थी. वहीं आज ईडी दफ्तर में अंदर घुसने से पहले कवासी लखमा ने कहा था कि पूछताछ के बुलाया गया है. इसलिए आया हूं. हमारा देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं एक नहीं 25 बार आऊंगा.
कवासी लखमा के वकील ने क्या कहा?
कवासी लखमा के वकील फैसल रिज़वी ने NDTV को बताया कोर्ट के समक्ष उन्होंने बताया कि ये केस 2022 का है. उनके मुवक्किल MLA उन्हें फंसाया जा रहा है. लखमा अनपढ़ हैं, दो साल बाद ED ने उन्हें 3 तारीख को समन दिया था, आज मौखिक बुलाया था और गिरफ्तार किया गया.
ED के वकील का क्या कहना है?
ED के वकील ने NDTV को बताया को ED की जांच में अरविंद सिंह और तत्कालीन आबकारी विभाग के MD रहे AP त्रिपाठी ने अपने स्टेटमेंट के स्वीकार किया कि 2 सिंडिकेट से 50 लाख और दूसरे माध्यम से डेढ़ करोड़ कुल 2 करोड़ महीने मिलते थे. 36 महीने में उन्हें 72 करोड़ रुपये दिए गए. इस पैसे को उनके बेटे तक पहुंचाया गया, उस पैसे का उपयोग कांग्रेस भवन के साथ ही कांग्रेस भवन निर्माण में किया गया. कोर्ट में उन्होंने 14 दिन की रिमांड की मांग की थी. कवासी लखमा ने बहुत सारे दस्तावेज नहीं दिए हैं. आगे की जांच के लिए कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड स्वीकार की इस मामले में जो लोग संलिप्त होंगे उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे नेता बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा चुनाव के पहले केंद्रीय एजेंसी के जरिये कांग्रेस नेता की बलि ली जाती है. जो बीजेपी में चला जाता है उनके केस वापस हो जाते है. ये मामला भी ED के 5991 मामलों की तरह साबित होगा.
सीएम साय की दो टूक
सीएम साय ने मकर संक्रांति पर्व के दौरान कहा था कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार घोटाले करने वालों को नहीं छोड़ेगी. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए 2 हजार करोड़ की शराब घोटाले पर जांच चल रही है, जांच में तत्कालीन आबकारी मंत्री से जब पूछताछ हुई, तो मंत्री ने कहा मैं तो अनपढ़ हूं, अधिकारी जहां बोले वहां मैं दस्तखत कर दिया. इस बयान से सीधे तौर पर कम विष्णु देव साय ने बिना नाम लिए कांग्रेस के कोंटा विधायक व पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर निशाना साधते हुए दिखे. उन्होंने कहा पिछली सरकार में अनपढ़ भी मंत्री थे.
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क्या है शराब घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है. ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है. दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था.
- 28 दिसंबर 2024 : ED ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था.
- रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया था.
- जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है.
- 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक अवैध कमाई होती थी.
- ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी. जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है.
वहीं पूछताछ के दौरान पूर्व मंत्री कवासी लखमा कई बार खुद के अनपढ़ होने, दस्तावेज में क्या लिखा था, समझ नहीं आने की बात कर ED के अफसरों को कन्फ्यूज भी करते रहे हैं.
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