Naxal Surrender News: सुकमा जिले में आंध्र–छत्तीसगढ़ की सीमा पर मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मौत के बाद नक्सल संगठन के भीतर दहशत का माहौल है. नक्सलियों में समाए डर और निराशा के बीच सुकमा पुलिस को सोमवार को बड़ी कामयाबी मिली. दरअसल, जिले में 48 लाख के इनामी कुल 15 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया. इनमें 5 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं.
चार हार्डकोर कैडर पर था 8-8 लाख का इनाम
एसपी कार्यालय में पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण की मौजूदगी में सभी ने सुरक्षाबलों के सामने हथियार डाले. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पीएलजीए की बटालियन नंबर-1 के चार हार्डकोर कैडर भी शामिल हैं, जिन पर एक-एक पर 8 लाख रुपये का इनाम था. पुलिस ने इन्हें 50–50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है.
हिड़मा की मौत के बाद संगठन में डर का माहौल
पुलिस के अनुसार हिड़मा की मौत के बाद नक्सली संगठन में नेतृत्व संकट और डर का माहौल बना हुआ है. लगातार बढ़ते सुरक्षा कैंप, छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025 और अंदरूनी इलाकों में पुलिस की पकड़ ने माओवादियों का मनोबल तोड़ दिया है. आत्मसमर्पण करने वाले सभी सदस्य संगठन के अंदर फैले उत्पीड़न, बाहरी नेताओं के दबाव और आम ग्रामीणों पर अत्याचार से तंग आकर लौटे हैं.
कौन-कौन लौटे मुख्यधारा में?
आत्मसमर्पण करने वालों में पार्टी पीपुल्स कमांडर (PPCM) माड़वी सन्ना, सोड़ी हिड़मे, सूर्यम उर्फ रव्वा सोमा और मीना उर्फ माड़वी भीमे शामिल हैं. इन सभी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था. इनके अलावा एरिया कमेटी मेंबर (ACM) सुनिता उर्फ कुहराम हुंगी और मड़कम पांडू (दोनों पर 5-5 लाख का इनाम), कुंजाम सिंगा (3 लाख) समेत दूसरे 8 माओवादी भी शामिल हैं. इनमें अधिकांश मिलिशिया, KAMS/DAKMS, RPC जनताना सरकार और आर्थिक कमेटी के सदस्य बताए जा रहे हैं.
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एसपी किरण चव्हाण ने कहा कि नक्सल हिंसा के रास्ते पर चलकर कोई भी अपने जीवन को बेहतर नहीं बना सकता. मुख्यधारा में लौटने वालों को शासन की योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन बिता सकें. उन्होंने कहा अगले कुछ दिनों में और भी नक्सली आत्मसमर्पण की तैयारी में हैं.
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