Sukma Naxalite News: नक्सल मोर्चे पर सुकमा पुलिस (Sukma Police) को बड़ी सफलता मिली है. नक्सलियों की बटालियन कंपनी का नागेश उर्फ 'पेड़कम एर्रा' ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. कुख्यात नक्सली पर 8 लाख का इनाम था. सुकमा जिले में हुई कई बड़ी नक्सली घटनाओं (Naxalite Movement) में नागेश (Naxalite Nagesh) शामिल रहा है. नागेश ने छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन नीति और सुकमा पुलिस के पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह, नई शुरूआत) से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ दिया और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए बिना हथियार के सरेंडर किया. नरेश को राज्य शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति'' के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
कौन था नक्सली नागेश
नागेश उर्फ 'पेड़कम एर्रा' ने नक्सल संगठन में सक्रिय रूप से काम किया है. वो साल 2003 से 2004 तक पालाचलमा एलओएस सदस्य रहा. इसके बाद से उसने संगठन में बहुत अहम भूमिका निभाई. 2015 से 2019 तक वो पीएलजीए बटालियन 01, कंपनी 02 के कमाण्डर के रूप में काम कर रहा था.
इन बड़े नक्सली घटनाओं में था शामिल
नक्सली कंपनी कमांडर नागेश सुकमा जिले की करीब 10 बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है.
ताड़मेटला कांड में 76 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए
2004 में गोलापल्ली और मराईगुड़ा के बीच मुख्यमार्ग को अलग-अलग 10-15 स्थानों में खोदकर रोड अवरोध करने की घटना
2011-12 में तिम्मापुरम ग्राम के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए
2013-14 में नक्सलियों की टीसीओसी अभियान के दौरान टेटेमड़गू ग्राम और पालोड़ी के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल
2014 में ग्राम पिड़मेल और एंटापाड़ के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में सात जवान शहीद
2015-16 में ग्राम पोटकपल्ली और डब्बामरका के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 14 पुलिस वाले घायल हुए
2017 में ग्राम कोत्ताचेरू और भेज्जी के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 12 जवान शहीद
2017 में ग्राम बुर्कापाल के बीच जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 25 जवान शहीद. पुलिस के लगभग 18 हथियार लूटे गए
2017 में ग्राम टोण्डामरका पुलिस नक्सली मुठभेड़ में सात से आठ जवान घायल
2018-19 में ग्राम दारेली और इत्तागुड़ा के बीच जंगल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल
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कैंप खुलने से बढ़ रहा नक्सलियों पर दबाव: एसपी
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा कि 'जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में खुल रहे नए पुलिस कैंप से नक्सलियों पर दबाव बढ़ रहा है. माओवाद का दायरा घटने की वजह से संगठन में लंबे समय से काम कर रहे नक्सली अब सरेंडर की राह पकड़ रहे हैं. शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर 8 लाख का इनामी पीएलजीए बटालियन का कंपनी कमांडर नागेश ने सरेंडर कर दिया है. नक्सलियों से अपील है कि वे जल्द से जल्द सरेंडर कर शासन की योजनाओं का लाभ उठाए. सरकार उनका हर संभव मदद करने को तैयार है.'
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