
Raipur Latest News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर के प्राइम लोकेशन पर बसे ग्रामीण अपना आशियाना बचाने के लिए 22 दिनों से धरने पर बैठे हैं. नकटी गांव के 85 घरों को अवैध निर्माण बताकर उन्हें तोड़ने का नोटिस जारी किया गया है. 28 मई 2025 तक घर खाली करने की समय सीमा तय की गई थी, जिसके बाद से ग्रामीण धरने पर बैठे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत बने इन घरों को अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया गया है. मामले में स्थानीय सांसद के पत्र से लोगों में अपना घर दोबारा मिलने की आस जाग गई है.
क्या है रायपुर में घरों को तोड़ने का पूरा मामला?
सरकार के रिकॉर्ड में नकटी गांव की 58 एकड़ जमीन चारागाह के लिए दर्ज है, जिसे सरकार ने विधायक कॉलोनी के लिए प्रस्तावित किया है. इस जमीन में से 32 एकड़ जमीन में रह रहे 85 परिवारों को नोटिस दिया गया है. यहां रहने वाले लोगों के पास 1200 से लेकर 20 हजार वर्ग फीट जमीन पर कब्जा है. सरकार के नोटिस से 300 लोग प्रभावित होने वाले हैं. बता दें कि यह जगह 90 विधायकों और अधिकारियों को आवंटित की जाएगी.
क्षेत्रीय विधायक ने कही ये बात
नकटी गांव धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में आता है. क्षेत्रीय विधायक अनुज शर्मा का कहना है कि वो ग्रामीणों से मिले हैं और जरूरतमंद लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा. ये जमीन चारागाह की है और सरकार नियम से काम कर रही है.
धरने पर बैठे ग्रामीण
नोटिस के विरोध में गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बरसों से वे उस जमीन पर काबिज हैं. सरकार से उन्हें पट्टा दिया गया है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें मकान बनाने के लिए राशि मिली है. उस पैसे से उन्होंने अपने घरों का निर्माण कराया है. कई ग्रामीणों का दावा है कि जहां वो रहते हैं, वो उनकी पुश्तैनी जमीन है. इसी मकान में उनके पुरखे भी रहा करते थे.
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