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Mahtari vandan Yojana Scam: महतारी वंदन योजना के 1000 रुपये के चक्कर में शिक्षिका ने 'खो दी नौकरी'

Chhattisgarh Mahtari Vandan Yojana: छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना में एक के बाद एक घपलो और फर्जीवाड़े की खबरें सामने आ रही है. ताजा मामला महासमुंद से है. यहां एक शिक्षिका महतारी वंदन योजना के 1000 रुपये के लिए अपनी नौकरी को दी है. जानिए- पूरा मामला क्या है?

Mahtari vandan Yojana Scam: महतारी वंदन योजना के 1000 रुपये के चक्कर में शिक्षिका ने 'खो दी नौकरी'

Mahtari Vandan Yojana: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़े का मामला गहराता जा रहा है. महासमुंद (Mahasamund) जिले की ग्राम पंचायत घोड़ारी में एक शिक्षिका को फर्जी दस्तावेजों के जरिए पिछले 10 महीनों से योजना का लाभ लेने का मामला सामने आया है. पंचायत सचिव रमाकांत गोस्वामी ने अपनी शिक्षिका पत्नी नीलम गोस्वामी का नाम योजना में जोड़ा और हर महीने ₹1000 का लाभ उठाते रहे.

महिला बाल विकास विभाग की जांच में हुआ खुलासा

ग्राम पंचायत घोड़ारी में महिला बाल विकास विभाग को शिकायत मिली थी कि नीलम गोस्वामी, जो केशवा प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक हैं, वह महतारी वंदन योजना के तहत लाभार्थी भी हैं. जांच में पता चला कि सचिव रमाकांत गोस्वामी ने फर्जी जानकारी देकर आवेदन जमा किया था. मामला उजागर होने पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है.

प्रशासन और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

मामले के वायरल होने के बाद प्रशासन ने शिक्षिका के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है. वहीं, कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर योजना के दुरुपयोग का आरोप लगाया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पूरे मामले पर महासमुंद एसडीओपी अजय त्रिपाठी ने कहा कि "आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है." वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डा. रश्मि चंद्राकर का कहना है कि यह घटना बता रही है कि  "सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है." वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता जोगी का कहना है कि "यह सचिव का सोचा-समझा षड्यंत्र है."

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और फर्जीवाड़े सामने आने की आशंका

महासमुंद जिले में कुल 3,23,363 आवेदन योजना के तहत प्राप्त हुए थे. जांच अधिकारी मानते हैं कि यदि पूरी जांच निष्पक्षता से की जाए, तो अन्य फर्जी मामले भी उजागर हो सकते हैं. जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. इस घटना ने योजनाओं में फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए प्रशासन और समाज को सतर्क कर दिया है.

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