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This Article is From Sep 14, 2023

महासमुंद : स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, किताबों और शिक्षकों के बिना पढ़ने को मजबूर बच्चे

किताबों की समस्या से परेशान होकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र और छात्राएं कलेक्ट्रेट शिकायत करने पहुंचे. वहीं आदिमजाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त का कहना है कि किताबें डिसपैच हों चुकी हैं, जल्द से जल्द बच्चों को किताबें मुहैया कराई जाएंगी.

महासमुंद : स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, किताबों और शिक्षकों के बिना पढ़ने को मजबूर बच्चे
किताबों की समस्या से परेशान होकर छात्राएं कलेक्ट्रेट शिकायत करने पहुंचीं.
महासमुंद:

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल नजर आ रही है. जिले के भोरिंग क्षेत्र में स्थित एक मात्र एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्र और छात्राएं किताबों के बिना ही पढ़ने को मजबूर हैं. छात्रों ने बताया कि स्कूल का नया सत्र जून में शुरु हुआ था, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी बच्चों को अभी तक किताबे नहीं मिल सकी हैं. इसके अलावा यहां के छात्र शिक्षकों की कमी से भी जूझ रहें हैं. इन समस्याओं से परेशान होकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र और छात्राएं कलेक्ट्रेट शिकायत करने पहुंचे. वहीं आदिमजाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त का कहना है कि किताबें डिसपैच हों चुकी हैं, जल्द से जल्द बच्चों को किताबें मुहैया कराई जाएंगी.

छठवीं से बारहवीं तक के छात्रों के पास नहीं हैं किताबें

छात्रों ने बताया कि सत्र के 4 महीने बीत जाने के बाद भी छठवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली हैं. महासमुंद जिले के एकमात्र एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में 6वीं से 12वीं तक कुल 420 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. कलेक्ट्रेट शिकायत करने पहुंची बारहवीं की छात्रा कुमारी भुनेश्वरी ठाकुर ने बताया कि 12वीं बोर्ड होने के कारण हमें बिना किताबों के पढ़ने में काफी समस्याएं होती हैं, हम ठीक से नहीं पढ़ पा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी भी हमेशा बनी रहती है. भुनेश्वरी ने बताया कि अभी हाल ही में यहां की वाइस प्रिंसिपल को निकाल दिया गया है और प्रबंधन से कारण पूछने पर कारण भी नहीं बताया जाता है. 

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वहीं 12वीं की ही छात्रा तोष कुमारी दीवान का कहना है कि हमें किताबों के प्रिंट आउट के जरिए पढ़ाया जा रहा है, जिससे हमें ठीक से समझ नहीं आ पाता है. उन्होंने बताया कि 12वीं बोर्ड होने के बावजूद भी हमें हिंदी और अंग्रेजी छोड़कर मेन सब्जेक्ट की किताबें नहीं मिल सकीं हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि स्कूल से वाइस प्रिंसिपल को हटाने के कारण स्कूल की व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है. वहीं किताबों के बारे में स्कूल प्रबंधन से पूछने पर कहते हैं कि किताबें आर्डर कर दी गई हैं. किताबें रायपुर से आ रही हैं.

जल्द से जल्द छात्रों को मिलेंगी किताबें

मामले में आदिमजाति विभाग की सहायक आयुक्त शिल्पा साय का कहना है कि स्कूल को NCERT से रजिस्ट्रेशन अप्रूवल नहीं मिलने के कारण NCERT से डायरेक्ट किताबों को नहीं मंगाया जा सका है. जिसके बाद हमें मिले निर्देशानुसार हमने  NEERT से रजिस्टर्ड वेंडर्स से किताबों को ऑर्डर कर दिया है. जिसमें आधी किताबें हमें मिल गई हैं जबकि आधी किताबें डिस्पैच हो चुकी हैं. जैसे ही हमें किताबें मिलेंगी उन्हें स्कूल में डिस्ट्रीब्यूट कर दिया जाएगा.

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