
Mahadev Betting app case : सट्टेबाजी से जुड़े मामले की जांच के लिए गठित मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) की विशेष जांच टीम (SIT) ने 15,000 करोड़ रुपये के महादेव बुक सट्टेबाजी एप मामले (Mahadev Betting App Case) में पहली गिरफ्तारी की है. पिछले साल कोर्ट (Court Order) के आदेश के बाद माटुंगा पुलिस (Matunga Police) ने मामला दर्ज़ किया था और फिर मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के अनुसार एसआईटी (Special Investigation Team) ने मीरा रोड निवासी दीक्षित कोठारी (27) को गिरफ्तार किया है. एसआईटी अधिकारी के अनुसार आरोपी दीक्षित कोठारी ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए एप्लीकेशन लोटस बुक (Lotus Book) पर आईडी बनाने में शामिल था.
दो वर्षों में 20 लाख रुपये की मेंटेनेंस फीस
प्राप्त जानकारी के अनुसार डोमेन खरीदने के लिए दीक्षित कोठारी के ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था और वह (दीक्षित कोठारी) पिछले दो वर्षों से 20 लाख रुपये रखरखाव शुल्क (मेंटेनेंस फीस) का भुगतान कर रहा था. कोठारी ने कुछ एप कई लोगों को बेचे हैं, उनमें खासकर बुकीज और पंटर्स शामिल थे. महादेव ऑनलाइन बुक ऑपरेशंस ने वेबसाइट्स और क्लोज्ड चैट ग्रुप्स बनाकर रखे थे. इनके जरिए लोगों को अवैध सट्टेबाजी के लिए लुभाया जाता था.
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में नजरबंद
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव एप घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में रायपुर की विशेष अदालत में दूसरी अभियोजन शिकायत दायर की है. प्रत्यर्पण प्रयासों के लिए अभियोजन शिकायत को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ साझा किया जाएगा. बता दें कि 21 अक्टूबर, 2023 को पहली चार्जशीट दायर की गई थी, जिसमें 14 लोगों को नामित किया गया. 1 जनवरी को दायर दूसरी चार्जशीट में पांच आरोपियों के नाम हैं. वहीं सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में नजरबंद है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले असीम और भीम को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
बता दें कि UAE में बैठकर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल पुलिस, ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन का एक नेक्सस तैयार कर महादेव बेटिंग एप को हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था. ये दोनों महादेव बेटिंग एप के प्रमोटर भी हैं. मलेशिया, थाईलैंड हिंदुस्तान, UAE में अलग अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए थे. इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. जिनके जरिए अलग अलग सब्सिडरी एप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था.
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