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This Article is From Apr 12, 2024

Chhattisgarh Liquor Scam: EOW और ACB ने 4 शहरों के 21 ठिकानों पर मारा छापा, कैश, गहने सहित कई दस्तावेज जब्त

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के मामले में 4 बड़े शहरों के 21 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई हुई है. गुरुवार को दिनभर ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने ठिकानों पर छापामार कार्रवाई में जुटी रही. कैश, गहने सहित कई दस्तावेजों को जब्त किया है.  

Chhattisgarh Liquor Scam: EOW और ACB ने  4 शहरों के 21 ठिकानों पर मारा छापा, कैश, गहने सहित कई दस्तावेज जब्त

Chhattisgarh Liquor Scam EOW and ACB raided: लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के पहले छत्तीसगढ़ में फिर हड़कंप मचा है. छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW)और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए कथित शराब घोटाले  (Liquor Scam) के मामले में 21 ठिकानों पर छापेमारी की है. अफसरों ने यहां से लाखों रुपये नगद, गहनें, सामान और कई दस्तावेज जब्त किए हैं. 

इन शहरों में हुई कार्रवाई 

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए कथित शराब घोटाले के मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है. गुरुवार को ACB और EOW की टीम ने छत्तीसगढ़ के 4 बड़े शहर रायपुर जिले में नौ, दुर्ग में सात, बिलासपुर में चार और राजनांदगांव में एक स्थान पर छापा मारा है. जिसमें टीम ने 19 लाख रुपए नकद, लैपटॉप, पेन ड्राइव, बैंक स्टेटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, चल और अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, करोड़ों रुपये के गहने और करोड़ों रुपये के निवेश दस्तावेज जब्त किए हैं.अधिकारियों ने उन व्यक्तियों के नाम नहीं बताए जिनके ठिकानों पर छापा मारा गया है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक विभाग ने शराब कारोबार करने वाले लोगों और व्यवसायियों के परिसरों पर छापेमारी की गई है.

जानें पूरा मामला

अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक रिपोर्ट के आधार पर इससाल की शुरुआत में विभाग ने कथित शराब घोटाले के मामले में FIR दर्ज की थी. उन्होंने बताया कि इस घोटाले में कांग्रेस के कई नेताओं और कंपनियों सहित 70 लोगों का नाम शामिल किया गया है और मामले की जांच की जा रही है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, ईडी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने और शराब के कारोबार में खुद को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए आपराधिक कृत्य किया है. ईडी ने रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक आपराधिक सिंडिकेट काम कर रहा था, जो शराब की बिक्री में अवैध कमीशन वसूल रहा था और सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की अनधिकृत बिक्री में भी शामिल था. ईडी को अनुमान है कि संदिग्धों द्वारा लगभग 2161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई.

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ये लोग हैं शामिल 

ईडी के मुताबिक, आबकारी विभाग की मुख्य जिम्मेदारी शराब की आपूर्ति को नियमित करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब सुनिश्चित करना और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है. लेकिन आपराधिक सिंडिकेट ने इन उद्देश्यों को पलट कर रख दिया है. इस सिंडिकेट में राज्य के वरिष्ठ अफसर, राजनेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं.

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