Lok Sabha voting Boycott: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है. इस बीच मतदाता (Voters) अब अपने मत को लेकर अधिक सजग होते नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला नगर पालिका निगम चिरमिरी (Chirmiri) से सामने आया. यहां इलाके में अपनी मूलभूत सुविधाओं (Basic Facilities) के लिए भी लोग तरस रहे हैं. ऐसे में यहां लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार (Lok Sabha Elections Boycott) करने का मन बना लिया है. चुनाव को लेकर गेल्हापनी के स्थानीय लोगों ने मतदान न करने की घोषणा कर दी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि वह इस लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं लोग
बता दें कि जिले के जिस गेल्हापनी इलाके में लोग लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं, यह इलाका नगर निगम चिरमिरी में आता है. मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस क्षेत्र से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल विधायक हैं. बावजूद इसके, आजादी के 76 साल बाद भी यह क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहां के ज्यादातर इलाकों में लोग एसईसीएल के पुराने क्वार्टरों में रहने को मजबूर हैं. बिजली के नाम पर एसईसीएल कंपनी की ही बिजली लोगों को मिलती है. बीते करीब दो महीने से बिजली-पानी सहित अन्य जरूरी सुविधाओं के अभाव के बाद भी यहां सुनवाई करने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है.
जब तक सुविधा नहीं, तब तक वोट नहीं: स्थानीय लोग
इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि 'कई बार हमने विधायक और कैबिनेट मंत्री से निवेदन किया है और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया है. लेकिन, आज तक हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ.' उनका कहना है कि काफी लंबे समय से स्वच्छता, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की मांग वे लोग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. नागरिकों का शासन-प्रशासन के द्वारा की जा रही अनदेखी एवं मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण व्यथित होकर स्थानीय लोग अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.
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आज तक पूरे नहीं हुए नेताओं के वादे
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता चुनाव के वक्त आते हैं, बात करके और वादे करके चले जाते हैं, लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने वार्ड में बैनर-पोस्टर के जरिए चुनाव का बहिष्कार किया था और आज भी बहिष्कार कर रहे हैं, क्योंकि जब तक सभी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तब तक वे वोट नहीं डालेंगे.
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