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CG News: कोरिया जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही आई सामने, यहां तो ये मामूली इंतजाम भी नहीं है

NDTV ने कोरिया के जिला अस्पताल में आग से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया, तो दावे की हकीकत कुछ और ही नजर आई. मुख्य ओपीडी में सिर्फ एक और इमरजेंसी कक्ष के बाहर दो फायर एक्सटिंग्विशर लगे मिले. ऊपर की मंजिल पर एसएनसीयू, बर्न एंड सर्जिकल वार्ड, ब्लड बैंक व अन्य स्थानों पर अग्निशामक यंत्र नहीं मिले.

CG News: कोरिया जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही आई सामने, यहां तो ये मामूली इंतजाम भी नहीं है
कोरिया जिला अस्पताल.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया के जिला अस्पताल (Korea District Hospital) में बड़ी लापरवाही सामने आई है. हालात ये है कि यहां आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं है. यह स्थिति तब है, जब यहां औसतन 150 मरीज हमेशा भर्ती रहते हैं, जबकि 24 घंटे में 400 से 500 मरीज परिजन के साथ ओपीडी (OPD) में डॉक्टरों से परामर्श लेने आते हैं. 24 घंटे परिसर में भीड़ होने के बाद भी आग से निपटने के इंतजाम नहीं किए जा सके हैं. सिर्फ अग्निशमन यंत्र लटकाकर कोरम पूरा कर लिया गया है.

प्रबंधन का दावा है कि 40 फायर एक्सटिंग्विशर अलग-अलग कमरों में लगाए गए हैं. लेकिन, जब NDTV ने यहां आग से निपटने तैयारियों का जायजा लिया तो दावे की हकीकत कुछ और ही नजर आई. मुख्य ओपीडी में सिर्फ एक और इमरजेंसी कक्ष के बाहर दो फायर एक्सटिंग्विशर लगे मिले. ऊपर की मंजिल पर एसएनसीयू, बर्न एंड सर्जिकल वार्ड, ब्लड बैंक व अन्य स्थानों पर अग्निशामक यंत्र नहीं मिले. ओपीडी में लगे अग्निशामक यंत्र की तो एक्सपायरी डेट तक का कुछ पता नहीं है, जबकि एक जगह पर इसके कम से कम तीन सेट होने चाहिए. ऐसे में यदि कहीं आग लगी, तो स्थिति भयावह हो सकती है.

मॉक ड्रिल के बाद है हाल बेहाल

ये हालत तब है, जब स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारी समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण करते रहते हैं. गर्मी में आग लगने की आशंका अधिक रहती है, जिसे देखते हुए गर्मी से पहले अस्पताल में हर साल मॉक ड्रिल होती है. इस साल भी नगर सेना और आपदा प्रबंधन विभाग ने मॉक ड्रिल की है. बावजूद इसके आग से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है.

नए एमसीएच भवन में भी पर्याप्त सेटअप नहीं

जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पीएचसी का भी यही हाल है. फायर एक्सटिंग्विशर नहीं होने के कारण हादसे के वक्त इस पर काबू करना मुश्किल हो सकता है. नए मदर चाइल्ड हॉस्पिटल (एमसीएच) के भवन में भी फायर फाइटिंग के पर्याप्त सेटअप नहीं है, जबकि यहां भी अस्पताल भवन दो मंजिला बना है. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन पर्याप्त अग्निशामक यंत्र होने का दावा कर रहा है.

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जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. अनित बखला ने कहा कि अस्पताल में 40 फायर एक्सटिंग्विशर लगे हैं. प्रत्येक कमरे में सिलेंडर उपलब्ध है, जिससे आगजनी होने पर काबू पाया जा सकता है. सिलेंडर हाल ही में रिफिलिंग हुए हैं, इसलिए एक्सपायरी होने का सवाल ही नहीं होता. सीएमएचओ डॉ. आरएस सेंगर ने कहा कि नए अस्पताल भवन में फायर फाइटिंग के पर्याप्त सेटअप होंगे.

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