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Guava Farming: विदेश में पढ़कर लौटने के बाद शुरू की किसानी, अब अमरूद की खेती से सालाना कमाते हैं इतने करोड़

Guava Farming in India: चंद्राकर ने विदेश में अपनी पढ़ाई की. वह चाहते, तो पढ़ाई के बाद किसी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर सकते थे, लेकिन वह खेती से जुड़े और उसे रोजगार का साधन बनाया.

Guava Farming: विदेश में पढ़कर लौटने के बाद शुरू की किसानी, अब अमरूद की खेती से सालाना कमाते हैं इतने करोड़

Guava Farming Profit Per Acre: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के रहने वाले कबीर चंद्राकर (Kabir Chandrakar) ने केंद्र सरकार की योजना का लाभ उठाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है. उद्यम भारत की दिशा में काम करते हुए वह आज सालाना करोड़ों रुपये कमा रहे हैं.

कबीर चंद्राकर वर्तमान में 115-120 एकड़ में अमरूद की खेती कर रहे हैं. उनके खेत में उगने वाले अमरूद देश में ही नहीं, विदेशों में भी बिक रहे हैं.

115-120 एकड़ में करते हैं अमरूद की खेती

चंद्राकर ने विदेश में अपनी पढ़ाई की. वह चाहते, तो पढ़ाई के बाद किसी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर सकते थे, लेकिन वह खेती से जुड़े और उसे रोजगार का साधन बनाया. उन्होंने अमरूद की खेती करनी शुरू की और फिर केंद्र सरकार की नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड (एनएचबी) से लोन लेकर अपने रोजगार को आगे बढ़ाने का काम किया. वह वर्तमान में करीब 115-120 एकड़ में अमरूद की खेती कर रहे हैं.

सालाना करोड़ों की कर रहे हैं कमाई

चंद्राकर ने बताया कि 2014-15 के बाद से उन्होंने अपनी खेती का विस्तार करने के लिए (एनएचबी) से सब्सिडी ली. इसके बाद उन्होंने छह एकड़ से बढ़ाकर 115-120 एकड़ पर खेती शुरू की. उन्होंने बताया कि आज हम हर साल पांच-छह लाख रुपये की प्रति एकड़ कमाई कर रहे हैं. मैंने पहले छह एकड़ में अमरूद की फसल लगाई. बाद में हमने जब देखा कि अच्छा रिटर्न आ रहा है, तो हमने इसका विस्तार किया और आज हम सालाना करोड़ों में कमाई कर रहे हैं. इस काम में चौथे साल से अच्छा रिटर्न आना शुरू होता है.

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उन्होंने कहा कि फसल को बेचने के दौरान शुरुआत में हमें परेशानी हुई. पहले हमने रायपुर में ही अपनी फसल बेचनी शुरू की. बाद में हमने ओडिशा, बिहार समेत कई दूसरे राज्यों में भी सप्लाई करने लगे. दिल्ली, मुंबई में भी अब हमारा माल जाने लगा है. शुरुआत में पैसे की लेनदेन को लेकर भी परेशानी हुई लेकिन, एक बार जब व्यापारियों से बेहतर संबंध बन गए, तो इस तरह की परेशानी भी खत्म हो गई.

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