
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला मोहनीपुरी में जहां कभी क, ख, ग की गूंज सुनाई देती थी,अब वहां गाय-भैंस की रंभाने की आवाजें आती हैं. शासकीय प्राथमिक शाला मोहनीपुरी में नौनिहालों की जगह अब मवेशियों का राज हो गया है. यहां पढ़ाई-लिखाई तो दूर, अब केवल चारा चबाने और दूध दुहने का काम होता है.
नजदीकी स्कूल में किया गया था मर्ज
दरअसल, करीब आठ साल पहले इस शासकीय प्राथमिक शाला मोहनीपुरी स्कूल को नजदीकी स्कूल में मर्ज कर दिया गया था, लेकिन इसे सील करने के बजाय "ओपन टू ऑल" छोड़ दिया गया. धीरे-धीरे एक ग्रामीण परिवार ने इसे अपना घर बना लिया, और बाकी जगह पर गाय-भैंसों ने डेरा जमा लिया. इस स्कूल में महंगे कूलर,पंखे लगाकर रहने लगा है .
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उनका कहना है कि यह उनकी पुस्तैनी जमीन है और उनके नाम पर जमीन है . पूर्वजों ने जमीन में स्कूल बनवाया था. जब स्कूल संचालित नहीं हो रहा है तो उसमें हम लोग रह रहे हैं. अगर बच्चे आ जाएंगे तो स्कूल को छोड़ देंगे. विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद पैंकरा ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं. संकुल समन्वयक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.अब देखना ये है कि स्कूल में फिर से बच्चे लौटेंगे या दूध-दही का कारोबार ही चलता रहेगा.
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