Content Credit- Ambu Sharma


500 साल पहले कौन थे आपके पूर्वज? इनके पास मिलेगा सदियों का पूरा लेखा-जोखा

पोथियों में दर्ज वंशावली की जानकारी लेखन का काम बेहद जटिल और दिलचस्प है. 

इन्हें बेहद सुरक्षित तरीके से सहेजा जाता है. 

आज हम एक ऐसे परिवार से आपको मिलाने जा रहे हैं, जिनके पास 500 साल पुरानी पीढ़ियों का लेखा-जोखा है. 


राजस्थान के ब्रह्म भाट समाज के लोग परिवारों के पोथी लेखन का काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं. 


भाट मंगल सिंह और उनका परिवार मूलतः राजस्थान के किशनगढ़ क्षेत्र का रहने वाला है.

 उनके पास  करीब साढ़े पांच सौ साल पुरानी पोथियां है, जिसमें लोगों की वंशावली दर्ज है.


क्योंकि कागज का आविष्कार हुए साढ़े पांच सौ साल हुए हैं,इसलिए इन पोथियों में वंशावली का केवल इतना ही रिकॉर्ड दर्ज है. उससे पहले ताम्र पत्र पर वंशावली लेखन होता था.


इन पोथियों के लिए कागज और स्याही का खास तरीके से इस्तेमाल जाता है,जो लंबे अरसे तक खराब नहीं होती है. 

आगर मालवा में सोनी समाज के भाट मंगल सिंह लाल कपड़े में लिपटी हुए कई सारे पोथियों के बंडल ले कर आए थे. 

वो कई पीढ़ियों से इस इलाके के सोनी समाज के लोगों की पारिवारिक पोथी लेखन का काम करते आ रहे हैं.

संतोष सोनी के परिवार का पोथी लेखन करीब एक सौ पचहत्तर सालों के बाद किया.

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