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This Article is From Feb 15, 2024

सत्ता परिवर्तन के बाद रीपा योजना का फंड रुका, संगठन की महिलाओं को अपनी कला के लिए नहीं मिल पा रहा बाजार...

Rural Industrial Park Scheme: छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद से बहुत सारी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई हैं. साजा ब्लॉक के रिपा योजना के स्वं सहायता समूह को सामान बेचने के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है.

सत्ता परिवर्तन के बाद रीपा योजना का फंड रुका, संगठन की महिलाओं को अपनी कला के लिए नहीं मिल पा रहा बाजार...
रिपा योजना के अंतर्गत नहीं जारी हो रहा फंड

RIPA in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (Rural Industrial Park), रिपा का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है. इस योजना के अंतर्गत साजा ब्लॉक के राखी ग्राम पंचायत में आदर्श गौठान से जुड़कर गांव की महिलाएं काम कर रही हैं. इन्होंने यहां 'प्रगति महिला ग्राम संगठन' के नाम से समूह का निर्माण किया है. वो केले के रेशे से राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ट्रेनिंग ले रही हैं. 

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केले के रेशे से बनाई जाती हैं ये चीजें...

इस ट्रेनिंग के बाद रेशे की मदद से दरी, कालीन, गुलदस्ता, फाइल फोल्डर, साल , जैकेट, टोपी सहित अन्य सामानों का निर्माण किया जाता है. जिसके बाद इसे बाजार ले जाकर बेचा जाता था लेकिन अब इसको बेचने के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा उनके द्वारा तैयार किए गए रेशे के कपड़े की मांग गुजरात और कोलकाता में भी है. इन बाजारों में सामान बेचकर उन्होंने 6 लाख से ज्यादा रुपए कमाई है.

चार माह से नही मिला राशि और बाजार

सत्ता परिवर्तन के साथ ही पिछले चार महीने से महिलाओं के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गए हैं. दरअसल उनके द्वारा बनाई गई चीजों को सही और व्यापक बाजार नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनका मेहनताना तक नहीं निकल पा रहा है. हालत यह है कि उन्हें 50 से 100 रुपए की भी कमाई नहीं हो पा रही है. हालांकि बाजार मिलने की आस में यह महिलाएं अभी भी निर्माण कार्य में जुटी हुईं हैं. उन्होंने मांग की है कि उन्हें बाजार उपलब्ध कराया जाए ताकि उनकी आर्थिक हालात में सुधार आ सके.

शासकीय कार्यालय में करनी है उत्पादन को सप्लाई

जिला प्रशासन ने यह स्वीकार किया कि पिछले चार महीने में संगठनों का कामकाज प्रभावित हुआ है. महिलाओं को बाजार की उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा कि प्रशासन उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए भरकस प्रयास कर रही है. इसके लिए शासकीय कार्यालय को भी निर्देशित किया गया है. छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सत्ता में आने के लिए महिलाओं के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन सत्ता में आते ही रिपा योजना में संचालित योजनाओं का बुरा हाल है. पिछले चार महीने में ये स्वं सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक संकट से जूझ रही है. क्या इन महिलाओं को अब उनके मेहनत का फल मिल पाएगा? इसका जवाब तो भविष्य में ही मिल सकता है.

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