
Kawardha Sugarcane Farmers Good News: मुख्यमंत्री सुशासन तिहार, जनदर्शन, भारतीय किसान संघ और अन्य संगठनों द्वारा लंबे समय से गैर-अंशधारी किसानों को सदस्य बनाने की मांग की जा रही थी. इसलिए पिछले पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना दिया है, उन्हें सदस्यता प्रदान की जाएगी. साथ ही आने वाले पेराई सीजन में सर्वे के अनुसार जो भी गन्ना किसान कारखाने की आवश्यकता अनुसार गन्ना आपूर्ति करेंगे, उन्हें भी अगले वर्ष सदस्यता दी जाएगी.
कवर्धा जिले के गन्ना किसानों बड़ी सौगात
कवर्धा जिले के गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक सौगात मिली है. भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना अब गैर-अंशधारी किसानों को भी सदस्यता देने जा रहा है. भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा ने आगामी पेराई सीजन 2025-26 में गन्ना आपूर्ति करने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी आने वाले साल में सदस्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. निर्णय के अनुसार गन्ना देने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी सदस्यता प्रदान की जाएगी. इससे सभी गन्ना किसानों को बराबरी का दर्जा मिलेगा और कारखाने की गन्ना आपूर्ति स्थिर और सुनिश्चित होगी.
भोरमदेव शक्कर कारखाना की क्षमता 3500 मैट्रिक टन है
प्रबंधन का दावा है कि यह कदम किसानों के हित में है और इससे क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा मिलेगी. भोरमदेव शक्कर कारखाना 03 अप्रैल 2001 को पंजीकृत हुआ था और वर्तमान में इसकी क्षमता 3500 मैट्रिक टन प्रतिदिन है. स्थापना के समय न्यूनतम 2000 रुपये शेयर राशि और 100 रुपये प्रवेश शुल्क तय किया गया था. वर्तमान में इसमें 23,476 अंशधारी सदस्य हैं, जिनमें से हर साल लगभग 12,500-13,000 किसान ही गन्ना आपूर्ति करते हैं. कारखाने के पेराई लक्ष्य को पूरा करने के लिए साढ़े चार लाख मीट्रिक टन गन्ने की आवश्यकता होती है, लेकिन पिछले वर्ष पर्याप्त गन्ना आपूर्ति नहीं होने से कारखाना समय से पहले बंद करना पड़ा.
गैर-अंशधारी किसानों को दी जाएगी कारखाने की सदस्यता
प्रबंध संचालक मंडल ने किसानों की इस मांग को मानते हुए निर्णय लिया है कि अब भविष्य में गन्ना आपूर्ति करने वाले गैर-अंशधारी किसानों को भी कारखाने की सदस्यता दी जाएगी. कारखाना प्रबंधन का कहना है कि इस निर्णय से न केवल गन्ना आपूर्ति स्थिर होगी, बल्कि किसानों का भरोसा भी मजबूत होगा. किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे गन्ना उत्पादकों के लिए नया अध्याय बताया है.
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