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This Article is From Dec 04, 2023

पहली बार CG विधानसभा में राजपरिवार का कोई सदस्य नहीं... कांग्रेस, BJP, AAP सभी के प्रत्याशी हारे

इस चुनाव में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव अपनी अंबिकापुर सीट 94 वोट के मामूली अंतर से हार गए. वह सरगुजा के पूर्व शाही परिवार से हैं.

पहली बार CG विधानसभा में राजपरिवार का कोई सदस्य नहीं... कांग्रेस, BJP, AAP सभी के प्रत्याशी हारे
पहली बार CG विधानसभा में राजपरिवार का कोई सदस्य नहीं

Chhattisgarh Election Results 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में यह पहली बार है कि जब राज परिवार का कोई भी सदस्य निर्वाचित नहीं हुआ है. राज्य में इन परिवारों के सात सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा है. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजपरिवारों के तीन-तीन सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाया था जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजपरिवार के एक सदस्य को मैदान में उतारा था. कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार विधायक थे जो अपनी सीट नहीं बचा सके. वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद विधान सभा के सभी पांच कार्यकालों में पूर्व शाही परिवारों के सदस्य थे.

इस चुनाव में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव अपनी अंबिकापुर सीट 94 वोट के मामूली अंतर से हार गए. वह सरगुजा के पूर्व शाही परिवार से हैं. वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए भाजपा के राजेश अग्रवाल ने उन्हें शिकस्त दी है. सिंहदेव ने लगातार तीन बार 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. माना जाता है कि सिंहदेव के परिवार का उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में काफी प्रभाव है. इस क्षेत्र के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में 2018 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार ये सभी सीट भाजपा ने जीत लीं.

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बैकुंठपुर से हारीं अंबिका सिंहदेव

सरगुजा क्षेत्र के एक अन्य शाही परिवार की सदस्य अंबिका सिंहदेव को कांग्रेस ने बैकुंठपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन वह भाजपा के भैयालाल राजवाड़े से 25,413 मतों के अंतर से हार गईं. अंबिका सिंहदेव कोरिया के शाही परिवार से है जो राज्य की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. इस परिवार से रामचन्द्र सिंहदेव अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री रहे थे. अंबिका सिंहदेव ने 2018 में इस सीट से राजवाड़े को हराया था.

बसना से हारे देवेन्द्र बहादुर सिंह

कांग्रेस नेता देवेन्द्र बहादुर सिंह (63) कांग्रेस के दूसरे शाही वंशज हैं जिन्हें इस बार बसना सीट से हार का सामना करना पड़ा. वह फुलझर (अब महासमुंद जिले में) के पूर्व गोंड शाही परिवार से हैं. भाजपा के संपत अग्रवाल ने सिंह को 36,793 वोट के अंतर से हराया है. चार बार विधायक रहे सिंह ने छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार (2000-2003) में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. सरगुजा संभाग (उत्तरी छत्तीसगढ़) में जशपुर के प्रभावशाली जूदेव शाही परिवार के दो सदस्यों ने विधानसभा चुनाव लड़ा था. यह परिवार भाजपा के कद्दावर नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव का है.

युद्धवीर की पत्नी संयोगिता सिंह दूसरी बार हारीं

दिलीप सिंह जूदेव के पिता विजय भूषण जूदेव जशपुर राजघराने के राजा थे और लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. दिलीप सिंह जूदेव ने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था. उनके बेटे युद्धवीर सिंह जूदेव बिलासपुर संभाग से सटे चंद्रपुर सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. युद्धवीर की पत्नी संयोगिता सिंह को चंद्रपुर सीट से लगातार दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में संयोगिता सिंह ने इस सीट से कांग्रेस के रामकुमार यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं.

इस बार इस सीट से यादव ने फिर से संयोगिता को 15,976 वोट के अंतर से हराया है. दिलीप सिंह जूदेव के दूसरे बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा सीट (बिलासपुर जिला) से मैदान में उतारा गया, जहां उन्हें कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव के हाथों 7,957 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी, जो कोटा से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की विधायक थीं, इस बार 8884 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.

AAP प्रत्याशी को भी मिली हार

दो बार के पूर्व विधायक संजीव शाह मोहला-मानपुर से भाजपा के उम्मीदवार थे. यह विधानसभा सीट नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में स्थित अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. शाह अंबागढ़ चौकी के पूर्व नागवंशी गोंड शाही परिवार के वंशज हैं. कांग्रेस विधायक इंद्रशाह मंडावी ने शाह को 31,741 वोटों से हराकर मोहला-मानपुर सीट पर जीत बरकरार रखी है. आम आदमी पार्टी ने कवर्धा सीट से पूर्व लोहारा रियासत (कबीरधाम जिला) के खड्गराज सिंह को मैदान में उतारा था. 

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खड्गराज 6334 वोट पाकर कवर्धा में तीसरे स्थान पर रहे. कवर्धा में भाजपा के विजय शर्मा ने कांग्रेस नेता और मंत्री मोहम्मद अकबर को 39592 वोट से हराया. छत्तीसगढ़ चुनाव में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीट जीतकर बड़ी जीत दर्ज की है. कांग्रेस 35 सीट जीतकर दूसरे नंबर पर रही. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की है.

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