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सुरक्षाबलों का डर या... अब तक मारे जा चुके हैं 437 नक्सली, छत्तीसगढ़ में 71 नक्सलियों का एक साथ सरेंडर

Naxal Surrender in Dantewada: पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन) और लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत बुधवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बड़ी सफलता मिली है, जहां एक साथ 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें 30 इनामी नक्सली भी शामिल हैं.

Naxalites Surrender in Chhattisgarh: नक्सलवाद खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर प्रयास कर रही है. पिछले डेढ़ वर्ष में कई बड़े नक्सली मारे गए हैं, जिन पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भी इनाम था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियां लागू हैं, जिनके जरिए वह आत्मसमर्पण भी कर मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. हाल ही में सोमवार को नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ में दो इनामी नक्सली भी मार गए, जिन पर 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में नक्सली भी सरेंडर कर रहे हैं, अब या तो इन पर सुरक्षाबलों का मंडराता डर कहें, या जंगल का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़ने के लिए अच्छा जीवन जीने की तमन्ना.

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मार्च तक नक्सलवाद खत्म करना लक्ष्य

केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में सुरक्षाबल अभियान भी चला रहे हैं और जब से सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान (Anti Naxal Operation) चलाया है, तब से 400 से ज्यादा नक्सली मुठभेड़ में ढर हो चुके हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन) और लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान भी चलाया है. इन्ही नीतियों के तहत बुधवार को भी दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सिलयों ने सरेंडर किया है. इनमें भी 30 इनामी नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

आत्मसमर्पण करने वालों में बामन मड़कम (8 लाख), शमिला उर्फ सोमली कवासी, गंगी उर्फ रोहनी बारसे और देवे उर्फ कविता माड़वी (प्रत्येक 5 लाख) जैसे कुख्यात नक्सली शामिल हैं, जो कई बड़ी नक्सली घटनाओं में सक्रिय रहे थे.

सरेंडर करने वालों को तत्काल 50 हजार की सहायता

माओवादियों को मुख्यधारा में लौटाने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर भी कर रही है. आत्मसमर्पण करने वालों को 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता, साथ ही कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, कृषि भूमि और सामाजिक पुनर्स्थापना जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.

अब तक लोन वर्राटू अभियान के जरिए 1113 माओवादी, जिनमें 297 इनामी, आत्मसमर्पण कर चुके हैं. यह पहल बस्तर में शांति, विकास और पुनर्वास की मजबूत नींव रख रही है.

कई हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड नक्सली ढेर

नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगलों में सोमवार को मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य क्रमशः 63 वर्षीय राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और 67 वर्षीय कोसा दादा उर्फ कदारी सत्यनारायण रेड्डी अनेक हिंसक घटनाओं के ‘मास्टरमाइंड' रहे हैं, जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं.

अब त 437 नक्सली मारे गए

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी. ने बताया कि 2024 में जिस सशक्त अभियान की गति बनी थी, वह वर्ष 2025 में भी लक्षित, निरंतर और उच्च प्रभाव वाले अभियानों के माध्यम से आगे बढ़ाई जा रही है. जनवरी 2024 से 22 सितंबर तक बस्तर क्षेत्र में कुल 437 कुख्यात माओवादी मारे गए हैं.

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