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This Article is From Sep 16, 2023

अंबिकापुर : PEKB खदान के बंद होने की आशंका, 5000 लोगों पर बेरोजगारी का संकट

सोमवार को ग्रामीणों का एक समूह रायपुर पहुंचकर पीईकेबी खदान के नियमित संचालन के लिए मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप चुका है. 21 अगस्त को रायपुर में उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव से भी ग्रामीणों ने पीईकेबी खदान के नियमित संचालन की मांग कर चुके हैं.

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अंबिकापुर : PEKB खदान के बंद होने की आशंका, 5000 लोगों पर बेरोजगारी का संकट
बेरोजगारी की आशंका से परेशान स्थानीय ग्रामीणों ने शनिवार को प्रदर्शन किया.
अंबिकापुर:

सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित ईस्ट कांता बासन (PEKB) कोयला खदान में उत्पादन सितंबर के अंत तक बंद होने से बेरोजगारी का संकट खड़ा हो सकता है. इस आशंका से परेशान स्थानीय ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ गई है. ग्राम पंचायत परसा, साल्ही, जनार्दनपुर, फतेहपुर, तारा और घाटबार्रा इत्यादि गांवों के 400 से अधिक लोगों ने अंबिकापुर से बिलासपुर मार्ग के साल्ही मोड़ पर प्रदर्शन किया.

मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पहले ही सौंपा जा चुका है ज्ञापन

बताया जा रहा है कि सोमवार को ग्रामीणों का एक समूह रायपुर पहुंचकर पीईकेबी खदान के नियमित संचालन के लिए मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप चुका है. 21 अगस्त को रायपुर में उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव से भी ग्रामीणों ने पीईकेबी खदान के नियमित संचालन की मांग कर चुके हैं. उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी इस समस्या का जल्द निराकरण किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के आला अधिकारियों के साथ ही दिल्ली तक भी इस मुद्दे पर विचार करने की पहल की जाएगी.

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5000 लोग हो सकते हैं बेरोजगार

मीडिया से बात करते हुए साल्ही गांव से आए ग्रामीण मोहर पोंर्ते, सुनींदेर उईके, कृष्णाश्याम और मोहर लाल कुसरो ने बताया कि वे सभी खदान के नियमित संचालन को लेकर रायपुर जाकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अगर उत्खनन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हुई तो खदान में उत्पादन ठप हो जाएगा. जिससे 5000 लोगों का रोजगार छिन सकता है. उन्होंने बताया कि खदान बंद होने की आशंका के चलते सैकड़ों कर्मचारियों और मशीनों को खदान से बाहर भेजा जाने लगा है. हम सभी चूंकि इसी खदान में नौकरी करते हैं, हमें भी अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है.

खदान संचालन से स्थानीय लोगों को होते हैं कई लाभ

ग्राम परसा की बंधन पोंर्ते व साल्ही की सुनीता यादव सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खदान संचालन से क्षेत्र में जो विकास कार्य हुए और आगे होने की भी उम्मीद है वे सब अब रुक जाएंगे. खदान खुलने से हमारे क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और अधोसंरचना विकास के कई कार्य संचालित किए जा रहे हैं. आज हमारे बच्चे यहां पर स्थित केंन्द्रीय शिक्षा पद्धति की अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में मुफ्त में पढ़ रहे हैं. वहीं हमारे घर तक स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण और इलाज किया जा रहा है. यही नहीं स्थानीय महिलाओं को भी घर के काम काज के अलावा अतिरिक्त आय अर्जन के कई कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं.

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