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Marwahi में किसानों का हो रहा शोषण, धान पासिंग के नाम पर ग्रेडर को देना पड़ रहा कमीशन

छत्तीसगढ़ के मरवाही में किसानों को धान खरीदी केंद्र में धान पासिंग के नाम पर कमीशन देना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि ग्रेडर के अनुसार इस वसूली का पैसा उच्च अधिकारियों के पास भी जाता है.

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Marwahi में किसानों का हो रहा शोषण, धान पासिंग के नाम पर ग्रेडर को देना पड़ रहा कमीशन
निमधा धान खरीदी केंद्र में नियुक्त ग्रेडर शेख इरफान द्वारा किसानों से हजारों रुपए की वसूली की जा रही है.

Paddy purchasing in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी चल रही है. इस दौरान भ्रष्टाचार और घूसखोरी की घटना आम बनी हुई है. किसानों (Farmers) को अपनी मेहनत की फसल बेचने के लिए कमीशन (Commission) देना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (Gaurela Pendra Marwahi) जिले के मरवाही विकासखंड (Marwahi Block) से सामने आया है. जहां निमधा के धान खरीदी केंद्र (Paddy Procurement Center) में ग्रेडर धान पासिंग (Paddy passing) के नाम पर अवैध वसूली (Illegal recovery) कर रहा है. इस केंद्र पर धान बेंचने गए कई किसानों ने बताया कि ग्रेडर ने किसानों से धान पासिंग करने के लिए हजारों रुपए वसूल लिए गए हैं.

यह मामला मरवाही विकासखंड के धान खरीदी केंद्र निमधा का है. जहां कृषि विभाग का कर्मचारी शेख इरफान धान खरीदी केंद्र में किसानों से धान पासिंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहा है. वहीं किसानों ने बताया कि ग्रेडर ने अवैध वसूली करते हुए कहा कि वसूली का पैसा उच्च अधिकारियों को भी देना होता है.

रिजेक्शन के डर से किसान दे रहे पैसे

कठिन परिश्रम के बाद जब अपने खून-पसीने की कमाई बेचने किसान धान खरीदी केंद्रों में पहुंचता है तो वहां पासिंग करने वाले कृषि अधिकारी जिन्हें ग्रेड कहा जाता है, वह किसानों से धान पासिंग करने के एवज में अवैध वसूली कर रहे हैं. पैसा नहीं देने पर कहीं ग्रेडर नाराज ना हो जाए और उनकी धान खरीदी के लिए रिजेक्ट न कर दी जाए, इस डर से किसान भी दुखी मन से पैसा देने को मजबूर हैं.

निमधा धान खरीदी केंद्र में नियुक्त ग्रेडर शेख इरफान द्वारा किसानों से हजारों रुपए की वसूली की जा रही है. शोषित किसानों ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि ग्रेडर शेख इरफान द्वारा उनसे धान पासिंग करने के लिए पैसे की वसूली की गई है. किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र में किसी से 6 हजार रुपये, किसी से 15 सौ रुपये, तो किसी से एक हजार रुपये की वसूली सिर्फ इसलिए की गई कि यदि वह पैसा नहीं देंगे तो उनकी धान खरीदी के लिए पास नहीं की जाएगी.

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अधिकारियों के पास भी जाता है हिस्सा

किसानों ने यह भी बताया कि ग्रेडर शेख इरफान ने किसानों से यह भी कहा है कि इसका हिस्सा उच्च अधिकारियों को भी देना पड़ता है. यह मामला प्रकाश में आने के बाद धान खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ हो रहे शोषण की पोल खुल गई है. माना जा रहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद धान खरीदी का दाम बढ़ने की संभावना है.

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