
Baikunthpur Korea Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से नवजात की मौत का आरोप परिजनों ने लगाया है. इसके साथ ही परिजनों ने नर्स स्टाफ पर प्रसूता के साथ मारपीट करने की भी शिकायत कलेक्टर व जिला स्वास्थ्य विभाग से की है. शिकायत पर सीएमएचओ ने जांच कमेटी गठित कर दी है. कमेटी 3 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देगी. इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों का कहना है कि 20 वर्षीय प्रसूता कशिश तिवारी को 19 फरवरी को प्रसव पीड़ा होने पर ग्राम कसरा से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रात 11.55 बजे प्रसूता ने लड़के को जन्म दिया. प्रसव माइनर ऑपरेशन से हुआ. लेकिन, अस्पताल में डॉक्टर के नहीं होने के कारण नर्स ने ऑपरेशन कर प्रसव कराया. प्रसव के बाद 19 से 20 फरवरी तक किसी भी डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा की जांच नहीं की. इस बीच 20 फरवरी की रात 11.30 बजे बच्चे की तबियत बिगड़ने पर परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टर और नर्स से मदद की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टर या नर्स में से कोई भी बच्चे को देखने तक नहीं पहुंचे और न ही किसी तरह की मदद उपलब्ध कराई गई, जससे नवजात की मौत हो गई. नवजात की मृत्यु होने पर अस्पताल स्टाफ ने आनन-फानन में बहू कशिश को पूजा नाम से मृतक की पर्ची थमाते हुए प्रसूता कशिश तिवारी को अस्पताल से भगा दिया. इसके बाद परिजनों के साथ सभी को अस्पताल वाहन से घर पहुंचवा दिया गया. इस बीच पुलिस विभाग से सहायक उप निरीक्षक को बुलाकर धमकी देते हुए अस्पताल से प्राप्त उपचार संबंधी सभी कागजात छिनवा लिए.
दादा बोले- लापरवाही से हुई मेरे पोते की मौत
इस संबंध में ग्राम कसरा के राजेंद्र तिवारी का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मेरे पोते की मौत हुई है. अस्पताल स्टाफ ने जच्चा-बच्चा की जांच तक नहीं की. बहू कशिश तिवारी के साथ नर्सों ने मारपीट की है, जिससे उसके जांघों पर चोट आई है और वह चल फिर भी नहीं पा रही हैं. राजेंद्र ने कहा कि वह पहले विधायक भइयालाल राजवाड़े का गाड़ी चलाता था. रायपुर में जानकारी मिली, तो विधायक भइयालाल राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से भी मिला, उन्होंने कहा कि जांच कराते हैं, लेकिन जांच अब तक नहीं हुई है. उनका कहना है बहू कि हालत खराब है. इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.
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सीएमएचओ ने गठित की जांच टीम
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में प्रसव के दौरान नर्सों ने प्रसूता के साथ काफी मारपीट की है, जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और वह घर पर मरणासन्न हालत में पड़ी है. परिजन अभद्रतापूर्ण व्यवहार से दुखी हैं और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस पूरे मामले पर सीएमएचओ डॉ. आरएस सेंगर ने कहना है कि नर्सों की ओर से मारपीट का आरोप गलत है. परिजनों से हमने बातचीत की है. शिकायत पर जांच कमेटी का गठन किया गया है. बच्चे की मौत और घटना की जांच पूरी कर कमेटी 3 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.
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