Chhattisgarh News: ऐतिहासिक बस्तर दशहरा में शामिल होने के बाद दंतेश्वरी माईजी की डोली और छत्र देर रात जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा पहुंचा. वापसी के दौरान माई दंतेश्वरी की डोली का भव्य स्वागत किया गया. दंतेश्वरी मां की डोली और छत्र के दंतेश्वरी मंदिर पहुंचते ही बस्तर का ऐतिहासिक 75 दिनों तक चलने वाला दशहरा भी सम्पन्न हो गया है.
हुआ भव्य स्वागत
रविवार को पारंपरिक तरीके से आदिवासियों के गौर नृत्यदल के साथ गाजे-बाजे और भव्यता के बीच डोली को मंदिर पहुंचाया गया.मांई दंतेश्वरी की डोली व छत्र बस्तर से निकलकर सबसे पहले आंवराभाटा पहुंचकर एक दिन पहले ही विश्राम के लिए रखी गई थी.जहां सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पूरे काफिले को ठहराया गया था. विश्राम स्थल पर डोली और छत्र के दर्शन करने श्रद्धालु उमड़ते रहे.
इधर मेन रोड को नगरवासियों ने मांईजी के स्वागत में रंगोली से सजाया था. माईजी विश्राम स्थल से मंदिर तक जगह-जगह लोगों ने रंगोली बना रखी थी. माईजी के स्वागत में सड़कों को विशेष रूप से सजाया गया था.
ये भी पढ़ें लेह-लद्दाख में तैनात छत्तीसगढ़ का बेटा शहीद, क्षेत्र में शोक की लहर
मंदिर के सामने सलामी और अनुमति
दंतेश्वरी माता की डोली जैसे ही जय स्तंभ चौक पहुंची सबसे पहले नगर कोतवाल बोधराज बाबा से मंदिर जाने की अनुमति ली.इस दौरान विधि- विधान से पूजा अर्चना भी की गई.
इसके बाद मां की डोली और छत्र को जवानों ने सलामी दी.जिसके बाद रीति- रिवाजों और विधि- विधान से देवी मां की डोली और छत्र मंदिर के गर्भगृह में पुजारियों ने प्रवेश करा दिया.प्रशासनिक अधिकारियों और नगर के जनप्रतिनिधियों के साथ देवी मां के हजारों भक्त इस दौरान मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें करोड़ों रुपयों का गबन कर फ़रार हो गया था डॉक्टर, पुलिस ने कोलकाता से किया गिरफ्तार