Artificial Intelligence and Law: जिला अधिवक्ता संघ बलौदा बाजार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एंड लॉ (Law) विषय पर सेमिनार का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट जस्टिस (High Court Justice) गौतम भादुड़ी ने कहा कि मैं जब पहली बार पोर्टफोलियो जज बना था तो बलौदा बाजार आया था, अब कुछ दिन बाद रिटायर हो जाऊंगा. इस तरह से यहां मैं पहली बार और अंतिम बार आया हूं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे निजी जानकारी वाले डेटा चुराए जा रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में जितना अधिक डेटा फीड करेंगे उतना अधिक जानकारी आएगी, लेकिन यह कुछ क्षेत्र में खराब है. क्योंकि अभी एआई के लिए भारत में कोई कानून नहीं है. नीति आयोग ने कुछ नियम बनाए जरूर हैं, लेकिन वह काफी नहीं है, न ही आईटी एक्ट में इसके लिए कोई सख्त व्यवस्था है.
सुनायी अपनी ये कहानी
जस्टिस भादुड़ी ने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ दिनों पहले उन्हें सीबीआई (CBI) का फोन (Fake Call) आया था, जिसमें उनके बेटे के बारे में पूछा गया, जबकि मेरा बेटा मेरे पास था. उन्होंने कहा कि कोर्ट कचहरी और जज वकील इस तरह के मामले को बड़ी आसानी से संभाल लेते हैं, लेकिन आम आदमी इससे घबरा जाता है. इसलिए जहां भी आपका मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है, वहां से आपका डेटा बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंसान को ईश्वर ने बनाया है, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इंसान ने बनाया है.
इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मेडिकल के क्षेत्र में बेहतर काम करने की जानकारी दी गई साथ ही कहा कि वकीलों को अपने केस की ड्राफ्टिंग करते समय इसका (AI) उपयोग करना चाहिए. हालांकि इससे डेटा चोरी होने का खतरा ज्यादा है, क्योंकि किसी ओर के मेहनत को कॉपी बस यहां करना है.
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