Crisis at Chhattisgarh Hospital : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बैकुंठपुर (Baikunthpur) जिला अस्पताल में 'जीवन दीप समिति' का खाता सीज होने (JDS Accounts Seized) और खर्चों पर रोक लगने की वजह से अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में जीवन दीप समितियां अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई हैं... लेकिन जीवन दीप समिति में अनियमितता की जांच को लेकर JDS (Jeevan Deep Committee) का खाता सीज किया गया था. ऐसे में जांच पूरी नहीं होने के चलते अस्पताल में कूलर व पंखों की मरम्मत तक नहीं हो पा रही है. जीवन दीप समिति के खाते की जांच पूरी नहीं होने के चलते मामले में अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी है. और न ही खाता खुल सका है. JDS का खाता सीज होने के चलते अस्पताल में कई तरह की परेशानियां सामने आ रहीं हैं.
जिला अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्था
तपती गर्मी और 38 डिग्री के तापमान में भी जिला अस्पताल में कूलर तो दूर पंखे की भी सुविधा से मरीजों को वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल के ज्यादातर वार्ड में पंखे बंद पड़े हैं. कुछ पंखे खराब हो गए हैं जहां नए पंखों की जरूरत है. गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. पंखे व कूलर बंद होने से मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं. अस्पताल में रोजाना 250 से ज्यादा ओपीडी हो रही है. गंभीर मरीजों की समस्या तो और बढ़ गई है. मेल वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन परेशान हैं. ऐसे में दुर्घटना में घायल भर्ती मरीजों का गर्मी के कारण बुरा हाल है. गर्मी से राहत पाने के लिए परिजन मरीज को गमछे से हवा दे रहे हैं.
गर्मी के बीच मरीज व परिजन हो रहे परेशान
अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन के लिए पीने के ठंडे पानी तक की व्यवस्था नहीं है. मरीज पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं. मरीजों के परिजन भी पानी के लिए अस्पताल परिसर में भटकते रहते हैं. लोगों को पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है. जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में लगा एसी भी काम नहीं कर रहा है. इससे ब्लड डोनेट करने पहुंचने वालों को भी राहत नहीं है.
किस वजह से बंद हुए जेडीएस के खाते ?
अस्पताल में पूर्व सीएस के कार्यालय में जेडीएस से खरीदी में अनियमितताओं का आरोप है. जिस कारण प्रशासन ने जेडीएस के खाते को सीज कर जांच कमेटी बिठाई है. जांच पूरी होने के बाद ही खाता खुलेगा. वहीं, अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में जरूरत की सामग्री की खरीदी में दिक्कत आ रही है. जेडीएस से पार्ट्स व नई खरीदी के लिए कलेक्टर से अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है. दूसरी ओर तपिश भरी धूप से गैलरी में गर्म हवा आ रही है. यही हाल बर्न एण्ड सर्जिकल वार्ड में भी है. जेडीएस का खाता बंद होने के कारण अस्पताल में कूलरों की मरम्मत नहीं हो पा रही है. जबकि मरम्मत कार्य फरवरी व मार्च तक पूरा हो जाना चाहिए था.
जानिए मामले में सीएमएचओ का क्या है कहना
सीएमएचओ डॉ. आर. एस. सेंगर ने कहा कि जेडीएस को सीज इसलिए किया गया था क्योंकि जीवनदीप में कुछ अनियमितता पाई गई थी, लेकिन आवश्यक खर्चों को मंजूरी देने के लिए कोई पाबंदी नहीं है. पाबंदी अनावश्यक खर्चे पर है. बंद कूलर, पंखों पर कहा कि अस्पताल को फरवरी में ही लेटर दिया गया था, मरम्मत कराने के लिए, कुछ पंखे, कूलर की मरम्मत हो गई है, कुछ काम बचे हैं जल्द पूरा करा लिये जाएंगे.
यह भी पढ़ें :
मां के प्रेम प्रंसग की बेटे को मिली सजा, सिरफिरे आशिक़ ने बीयर की बोतल से मासूम को मार डाला
Video : आदिवासी युवक को नहीं मिली एंबुलेंस तो बीवी को कंधे पर लादकर पहुंचा अस्पताल