रायपुर के पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को दो दिन की कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया है. ईडी ने कोर्ट से तीन दिन की रिमांड मांगी थी. सौम्या चौरसिया को मंगलवार शाम को ही गिरफ्तार किया था. शराब घोटाला मामले में इनका नाम बिग बॉस ग्रुप में चैट से सामने आया है, जिसके आधार पर गिरफ्तारी की गई. ईडी पर आरोपी सौम्या को 19 दिसंबर को कोर्ट में पेश करेगी. ईडी का दावा है कि शराब घोटाले से जुड़े करीब 115 करोड़ रुपये सौम्या चौरसिया तक पहुंचे थे और कई अहम दस्तावेजों की जांच के लिए उनकी हिरासत जरूरी है.
शराब घोटाले से जुड़े वॉट्सऐप ग्रुप "बिग बॉस" में चैतन्य बघेल और सौम्या चौरसिया के बीच लेन देन से जुड़ी बातचीत के आधार पर कार्रवाई की गई है, जिसकी चैट भी सामने आई है. इसमें चैतन्य बघेल कहते हैं- ओके Mam. इस पर सौम्या चौरसिया जवाब देती हैं- jay will give you money यानी जय आपको पैसे दे देंगे. फिर
चैतन्य- ok mam. चैतन्य फिर पूछते हैं- मैम ये संडे का है? सौम्या- यस.
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि शराब घोटाले में करीब 115 करोड़ रुपये लक्ष्मीनारायण बसंल के जरिए सौम्या तक पहुंचे थे. केके श्रीवास्तव से पूछताछ में शराब घोटाले के 72 करोड़ रुपये हवाला किए जाने का खुलासा किया. कोयला घोटाले से मिली डायरी में भी 43 करोड़ रुपये शराब घोटाले के पैसों का भी जिक्र है. डायरी में अनवर ढेबर समेत अनिल टुटेजा का जिक्र है. लक्ष्मीनारायण बंसल और तांत्रिक केके श्रीवास्तव से मिले तथ्य के आधार पर सौम्या की गिरफ्तारी की गई.
वॉट्सऐप चैट में क्या है मामला
जांच में कथित तौर पर एक वॉट्सऐप ग्रुप का खुलासा हुआ, जिसका नाम ही “बिग बॉस” था. पूरा सिंडिकेट इसी ग्रुप से चलता था. इस ग्रुप के जरिए सैकड़ों करोड़ के वित्तीय लेन-देन कथित तौर पर तय किए जाते थे. इसमें चैतन्य बघेल, जिन्हें “बिट्टू” नाम से सेव किया गया था, कांग्रेस नेता अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, उस समय की आबकारी अधिकारी सौम्या चौरसिया और व्यापारी पुष्पक शामिल थे.
आरोपपत्र में इन चैट्स के स्क्रीनशॉट भी जोड़े गए हैं, जिसमें पूरे तफसील से दर्ज है कि “बिट्टू” ने कब किसे फोन किया, कितनी देर बात हुई और किसे कितना पैसा कहां भेजना है. यह ग्रुप राज्य की शराब व्यवस्था का समानांतर कमांड सेंटर बन गया था, जहां नकद के रास्ते, नकली होलोग्राम और कमीशन बांटने की रणनीति तय होती थी. इसके ग्रुप के कई चैट्स एनडीटीवी के पास मौजूद हैं.
अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के मोबाइल फोन से मिले साक्ष्यों ने केस को और पुख्ता किया. अनवर के फोन में चैतन्य का नंबर “बिट्टू” के नाम से सेव था. चैट्स में भारी नकद लेन-देन, नकली होलोग्राम बनाने और काले धन के बँटवारे की बातें दर्ज थीं.
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ये है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब नीति में बदलाव कर कथित शराब घोटाला हुआ था. आबकारी नीति में लाइसेंस की शर्तें इस तरह तय की गईं, जिससे चहेती कंपनियों को ही लाभ मिल सके. इन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील तैयार करवाईं, जिसका काम नोएडा स्थित एक कंपनी के जरिए कराया गया.
इसके बाद नकली होलोग्राम लगी महंगी शराब की बोतलों को सरकारी दुकानों के माध्यम से बाजार में बेचा गया, चूंकि होलोग्राम नकली थे. इसलिए बिक्री का पूरा ब्योरा शासन के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होता था. परिणामस्वरूप बिना एक्साइज टैक्स चुकाए शराब की बिक्री होती रही. इस पूरे खेल में ED की जांच के अनुसार शासन को करीब 2165 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस घोटाले में करोड़ों रुपये की राशि भूपेश सरकार के मंत्री, अधिकारी और व्यापारियों के बीच बांटा गया था.