Chhattisgarh Liquor Policy Scam: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने बुधवार को कोर्ट में पेश किया. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कोर्ट लाया गया था. छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला मामले में ईडी ने लखमा को गिरफ्तार किया था, तब से वह 11 माह से जेल में बंद हैं. बता दें कि मंगलवार को ही इसी मामले में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जनवरी में जेल में बंद होने के बाद पहली बार कोर्ट में मुझे पेश किया गया. उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है. बीपी, शुगर और हार्ट की बीमारी है. मेरे बार-बार बोलने के बाद मुझे कोर्ट में पेश किया गया. आरोप लगाया कि कानून का अपमान करने का काम किया जा रहा है.
लखमा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र चल रहा है, लेकिन वह मौजूद नहीं हैं. मैंने अपन इलाज कराने के लिए बहार भेजने की बात कही. प्रताड़ित हो रहा, हूं अब ऊपर वाला ही जाने.
ये है घोटाले का मामला
लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था. वे वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. ईडी का आरोप है कि वर्ष 2019 से 2023 तक उनके कार्यकाल के दौरान एफएल-10ए लाइसेंस नीति लागू की गई, जिससे अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा मिला और बड़ा घोटाला सामने आया.
छत्तीसगढ़ में हुए 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की ईडी जांच कर रही है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था. इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी. उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे.
कोयला घोटाला मामले में भी प्रमुख आरोपी हैं सौम्या
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया पहले से ही कोयला घोटाला मामले की प्रमुख आरोपियों में शामिल हैं. इससे पहले मई माह में सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के तहत सौम्या चौरसिया समेत छह आरोपियों को राहत मिली थी. रिहाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राज्य से बाहर रहने के निर्देश भी दिए थे.
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