
नवा रायपुर में आयोजित कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कानून व्यवस्था और जनसुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा की. बैठक में साइबर अपराध, नशीली दवाओं के अवैध व्यापार और सड़क सुरक्षा पर विशेष जोर दिया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और प्रत्येक स्तर पर समन्वय के साथ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
साइबर अपराध पर सख्ती और जागरूकता अभियान का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़ाना बदलते साइबर अपराध के तौर-तरीकों को देखते हुए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने स्पष्ट कहा, “लोगों को साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है.” मुख्यमंत्री ने साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए.
लघु वनोपजों से समृद्धि और हरित विकास की दिशा में छत्तीसगढ़ अग्रसर है।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) October 13, 2025
आज कलेक्टर–डीएफओ संयुक्त कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के वन प्रबंधन, तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित, लघु वनोपजों के मूल्य संवर्द्धन, ईको-टूरिज्म, औषधीय पौधों की खेती और वनों से जुड़ी आजीविका के विविध आयामों पर विस्तृत… pic.twitter.com/E17CpNTPMS
बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में राज्य में रेंज स्तर पर 5 साइबर थाने संचालित हो रहे हैं. वहीं, 9 नए साइबर थाने जल्द ही शुरू किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में साइबर जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएं.
नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान तेज करें
मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि “नशे से अन्य आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, इसलिए इसके खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाए.” उन्होंने अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और NDPS एक्ट के तहत मामलों में समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए विशेष मुहिम चलाने को कहा.
सड़क सुरक्षा पर सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने तथा नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए. साथ ही ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर दुर्घटनाओं के कारणों को दूर करने पर बल दिया गया.